nayaindia Rajyasabha election congress बिहार में कांग्रेस को राज्यसभा की चिंता

बिहार में कांग्रेस को राज्यसभा की चिंता

झारखंड के जेएमएम और कांग्रेस विधायक रविवार को हैदराबाद से लौटे और उसी दिन बिहार कांग्रेस के विधायक हैदराबाद गए। दिल्ली में सभी विधायकों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए। बताया गया कि कांग्रेस के विधायकों को इसलिए हैदराबाद ले जाया गया है क्योंकि बिहार में भाजपा के समर्थन से बनी नीतीश कुमार की नई सरकार बहुमत साबित करने के लिए विधायकों को तोड़ सकती है। हालांकि हकीकत यह है कि नीतीश सरकार के बहुमत से ज्यादा चिंता कांग्रेस को इस बात की है कि अगर पार्टी टूट गई तो राज्यसभा की सीट खतरे में पड़ जाएगी।

बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह राज्यसभा सांसद हैं, जिनका कार्यकाल खत्म होने वाला है। बिहार की पांच सीटों के साथ साथ उनकी सीट पर भी चुनाव की घोषणा हो गई है। एक सीट जीतने के लिए 36 वोट की जरुरत है, जबकि कांग्रेस के पास अपने 19 विधायक हैं। कांग्रेस की उम्मीद तीन वामपंथी पार्टियों के 16 वोट पर है। राजद के 79 विधायक हैं। अगर दो उम्मीदवारों के लिए वह 37-37 वोट निर्धारित करती है तब भी उसके पास पांच वोट बचेंगे और एक वोट ओवैसी की पार्टी है। इस तरह कांग्रेस के पास जीतने लायक वोट हो जाएगा। लेकिन अगर उसके कुछ विधायक टूटे, जिसकी चर्चा है तो राज्यसभा की सीट मुश्किल में पड़ेगी। इसलिए आनन-फानन में विधायकों को हैदराबाद पहुंचाया गया।

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