nayaindia India alliance Nitish Kumar नीतीश की पार्टी ने छेड़ा पुराना राग

नीतीश की पार्टी ने छेड़ा पुराना राग

जैसे ही कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव में से चार राज्यों में हारी है वैसे ही जनता दल यू के नेताओं ने पुराना राग छेड़ दिया है। विपक्षी गठबंधन की बाकी सहयोगी पार्टियों का राग अलग है। उनको ज्यादा सीट लेने की चिंता है लेकिन नीतीश को सीट से ज्यादा इस बात की चिंता है कि उन्होंने विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने का काम किया है तो उनके ‘इंडिया’ का संयोजक बनाया जाए और साथ ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी घोषित किया जाए। तभी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने नतीजों को तीसरे दिन यानी मंगलवार को दोहराया कि नीतीश कुमार में मुख्यमंत्री बनने के सारे गुण हैं। अब सवाल है कि क्या शरद पवार में या ममता बनर्जी में या अखिलेश यादव में या एमके स्टालिन में या अरविंद केजरीवाल में प्रधानमंत्री बनने के गुण नहीं हैं?

अगर जदयू के नेता नीतीश के लिए मांग करेंगे तो बाकी पार्टियां भी अपने नेता के लिए ऐसी मांग करेंगी। लेकिन अभी बाकी पार्टियां चुप हैं। अभी सिर्फ जदयू की ओर से नीतीश कुमार के लिए मांग हो रही है। पिछले महीने 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर पटना में आयोजित भीम संसद रैली में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ‘देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ का नारा लगाया था। उससे पहले एक दिन किसी संदर्भ में राजद नेता लालू प्रसाद ने भी कहा था कि नीतीश के मुकाबले कोई नहीं है। उनकी पार्टी भी चाहती है कि नीतीश की कोई राष्ट्रीय भूमिका बने तो बिहार में तेजस्वी यादव को गद्दी मिले। लेकिन अभी विपक्षी गठबंधन में इसे लेकर किसी तरह की सहमति नहीं है। खास कर पिछले दिनों नीतीश के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जिस तरह की बातें हुई हैं उससे ऐसा लग रहा है कि उनको चेहरा बनाने पर कोई सहमत नहीं होगा।

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