nayaindia cross 400 on june 4 चार जून और चार सौ पार का नारा

चार जून और चार सौ पार का नारा

Lok sabha Election 2024
Lok sabha Election 2024

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती चार जून को क्यों तय की? पिछली बार यानी 2019 के चुनाव में वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। उससे पहले यानी 2014 में 13 मई को मतगणना हुई थी। इस बार चुनाव आयोग ने मतगणना की तारीख और आगे बढ़ा कर चार जून कर दी। कायदे से इसे कम किया जाना चाहिए था ताकि अपेक्षाकृत कम गर्मी के समय चुनाव हो जाए और वोटों की गिनती हो जाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग के मौजूदा शिड्यूल के हिसाब से आधे से ज्यादा राज्यों में चुनाव प्रचार और मतदान के समय लू के थपेड़े चल रहे होंगे। लेकिन चुनाव आयोग को इससे मतलब नहीं दिखा। उसने 1952 में हुए पहले चुनाव के बाद सबसे लंबा चुनावी शिड्यूल बना दिया।

बहरहाल, चार जून की तारीख तय करने का एक कारण चुनाव घोषणा के बाद हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में दिखाई दिया। चुनाव की घोषणा के अगले दिन यानी रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश में अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ चुनावी रैली की। उस रैली में उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि इस बार चार जून को वोटों की गिनती हो रही है और पूरा देश कह रहा है कि ‘चार जून को चार सौ पार’। सवाल है कि यह संयोग है या प्रयोग कि वोटों की गिनती चार जून रखी गई? गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने एनडीए के लिए चार सौ पार का नारा काफी पहले दिया था। इस लिहाज से चार तारीख को वोटों की गिनती होती तो उसके साथ चार सौ पार का नारा जुड़ जाता। सो, संयोग से चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के लिए चार जून की तारीख तय कर दी।

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