बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती जोर देकर कहती हैं कि वे अकेले लड़ेंगी। उन्होंने कई बार यह बात कही और साथ ही यह भी कहा कि गठबंधन करने से उनको नुकसान होता है। इसमें कोई गलत बात नहीं है कि कोई पार्टी तालमेल नहीं करे और चुनाव अकेले लड़े। लेकिन पार्टी लड़ते हुए तो दिखाई दे! Lok Sabha election 2024
मायावती अपने जन्मदिन यानी 15 जनवरी से ही ऐलान कर रही हैं कि अकेले लड़ेंगी। लेकिन वे अभी तक प्रचार में नहीं निकली हैं। सभी पार्टियों के प्रचार अभियान चल रहा है। हर राज्य में प्रादेशिक पार्टियां ज्यादा सक्रिय होकर राजनीतिक अभियान चला रही हैं। समाजवादी पार्टी ने तो अभी तक 30 से ज्यादा उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है।
सोचें, मायावती ने चुनाव से बहुत पहले उम्मीदवारों की घोषणा की परंपरा शुरू की थी। सबसे पहले संभवतः बसपा ने ही चुनाव से महीनों पहले उम्मीदवार घोषित करने शुरू किए थे। लेकिन इस बार चुनाव की घोषणा होने वाली है और अभी तक मायावती ने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि वे उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर अकेले लड़ेंगी। अपने भतीजे आकाश आनंद को पूरे देश में भाजपा का प्रभारी बनाया है लेकिन उत्तर प्रदेश अपने ही पास रखा है। Lok Sabha election 2024
इसका मतलब है कि उत्तर प्रदेश का फैसला उनको करना है। अभी तक उन्होंने पार्टी के संयोजकों के साथ बैठक करके सीटों पर चर्चा नहीं की है और न अभी तक चुनाव रैली शुरू की है। उन्होंने कई महीनों से कोई जनसभा नहीं की है। इस बीच पार्टी के 10 में से लगभग आधे सांसद पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं और बाकी जाने वाले हैं। सो, यह बहुत रहस्यमय बात है कि कोई नेता कैसे चुनाव के समय इस तरह निष्क्रिय हो सकता है?
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