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केजरीवाल का दांव कितना कारगर होगा

Arvind Kejriwal AAP party

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की अपनी गलतियों से सबक लिया है। वे इस बार लक्षित चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली की चार और पंजाब की 13 सीटों पर उन्होंने फोकस किया है। इसके अलावा गुजरात और हरियाणा की सिर्फ एक एक सीट पर उनकी पार्टी मेहनत करेगी। Arvind Kejriwal AAP party

उन्होंने गुजरात की भरूच सीट पर चैतार वसावा को उतार कर मुकाबला दिलचस्प बनाया है तो हरियणा की कुरुक्षेत्र सीट पर राज्यसभा के पूर्व सांसद एनडी गुप्ता को उतारा है। दोनों सीटों पर कांग्रेस की मदद से आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है। इस तरह पार्टी के सारे संसाधन और सारी ताकत सिर्फ 19 लोकसभा सीटों पर लगने वाली है।

उन्होंने एजेंडा बहुत लक्षित तय किया है। केजरीवाल बार बार कह रहे हैं कि दिल्ली के लोग सातों सीटों पर भाजपा को हरा दें तो दिल्ली के साथ होने वाला कथित अन्याय समाप्त हो जाएगा। वे कह रहे हैं कि अगर भाजपा सातों सीट हार गई तो वह राज्य सरकार के कामकाज में अड़ंगा लगाना बंद करेगी और तब राज्य सरकार ज्यादा तेजी से विकास के काम कर सकेगी। यही बात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कह रहे हैं।

उनका कहना है कि आप को पंजाब की 13 सीटें लोग जीता दें तो केंद्र सरकार राज्य के हिस्से का एक रुपया नहीं रोक पाएगी और तब राज्य का विकास तेजी से होगा। यह एक किस्म की उप राष्ट्रीयता का मुद्दा है, जिसका दिल्ली के बाहर कई राज्यों में बड़ा असर होता है।

इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए केजरीवाल के दांव का तीसरा हिस्सा लाभार्थियों की संख्या बढ़ाना है। केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वालों के लिए नई योजना शुरू कर दी है। उनकी सरकार दिल्ली में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देती है।

अब प्रति महीने हर वयस्क महिला को एक एक हजार रुपए देने की योजना लागू कर दी गई है। सरकारी नौकरी कर रही और आयकर भरने वाली महिलाओं को छोड़ कर दिल्ली की हर वयस्क महिला को सरकार हर महीने एक एक हजार रुपया देगी। इसके लिए बजट में दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

यह सही है कि केजरीवाल इस बार लक्षित लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने सिर्फ 19 सीटों पर फोकस किया है लेकिन बात वे अब भी पूरे देश की कर रहे हैं। उन्होंने विधानसभ के बजट सत्र में बजट से पहले अपने भाषण में विस्तार से समझाया कि कैसे पूरे देश में बच्चों को अच्छी और मुफ्त शिक्षा दी जा सकती है, सबको मुफ्त में अच्छी स्वास्थ्य सेवा दी जा सकती है और कैसे देश भर के लोगों को दो सौ यूनिट बिजली फ्री में दी जा सकती है।

केजरीवाल ने बताया कि इसके लिए साढ़े 11 लाख करोड़ रुपए की जरुरत है। उन्होंने बताया कि देश में 10 लाख स्कूलों में साढ़े 17 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए पांच लाख करोड़ की जरुरत है। उसके बाद पांच लाख करोड़ स्वास्थ्य के लिए चाहिए। देश में चार लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसमें से दो लाख मेगावाट में दो सौ यूनिट बिजली फ्री दी जा सकेगी।

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