भारतीय जनता पार्टी को पता है कि बिहार में यादव राष्ट्रीय जनता दल को और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को वोट देते हैं। फिर भी वह प्रयास नहीं छोड़ती है। वह दोनों राज्यों में यादव वोट का एक हिस्सा अपनी ओर करने के प्रयास में लगी है। बिहार में इस प्रयास के तहत उसने अपने वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव को विधानसभा का स्पीकर बनाया है। नित्यानंद राय केंद्र में गृह राज्यमंत्री हैं। बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल यू ने भी अपनी ओर से नरेंद्र नारायण यादव को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया है और विजयेंद्र यादव को नीतीश सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिला है। यहां तक कि लालू प्रसाद के करीबी रहे प्रहलाद यादव ने नीतीश सरकार के विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान पाला बदल लिया था और एनडीए के साथ चले गए थे। Yadav Vote BJP
भाजपा ने पिछले साल चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया। वे एक एक बार बिहार और उत्तर प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। दोनों राज्यों में उनके कार्यक्रम में बड़ी भीड़ जुटी थी। भाजपा के जानकार नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में यादव वोट पूरी तरह से प्रादेशिक पार्टियों के पक्ष में एकजुट नहीं रहता है। लोकसभा चुनाव में करीब 30 फीसदी वोट भाजपा की ओर जाता है। तभी बिहार में भाजपा और जदयू के यादव उम्मीदवारों के जीतने स्ट्राइक रेट बहुत अच्छी है। भाजपा के उम्मीदवार रामकृपाल यादव दो बारे से पाटलिपुत्र सीट पर लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती को हरा रहे हैं।
सारण में राजीव प्रताप रूड़ी राबड़ी देवी को हरा चुके हैं। लालू प्रसाद का गृह जिला होने के बावजूद वहां से भाजपा जीत रही है। मधेपुरा में जदयू के दिनेश यादव ने पिछली बार राजद के शरद यादव जैसे दिग्गज को हरा दिया था। मधुबनी में भी भाजपा के अशोक यादव जीते हैं। उजियारपुर सीट पर नित्यानंद राय जीते हैं। नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि वे एनडीए के यादव उम्मीदवार से हर जगह लालू के यादव उम्मीदवार को हरा देते हैं। उनकी पार्टी के रंजन यादव ने पाटलिपुत्र सीट पर लालू यादव को हराया था।
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