कांग्रेस पार्टी ने झारखंड की गोड्डा सीट से उम्मीदवार बदल दिया है। कांग्रेस ने पहले पार्टी की एक विधायक दीपिका पांडेय सिंह को टिकट दिया था। लेकिन अब इसे बदल कर प्रदीप यादव को दे दिया गया है। प्रदीप यादव लगातार चौथी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वे तीन बार चुनाव लड़े हैं और दो बार तीसरे स्थान पर रहे हैं। 2014 में वे बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम की टिकट से लड़े थे और उनको एक लाख 93 हजार वोट आया था। कांग्रेस के फुरकान अंसारी को तब तीन लाख 19 हजार वोट मिले थे। congress changed candidate godda seat
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वे भाजपा के निशिकांत दुबे से 60 हजार वोट से हारे थे। अगर प्रदीप यादव नहीं होते तो फुरकान अंसारी एक लाख 33 हजार वोट से जीतते। इसी तरह 2009 में भी प्रदीप यादव जेवीएम की टिकट पर लड़े और उनको एक लाख 76 हजार वोट आया। तब कांग्रेस के फुरकान अंसारी भाजपा के निशिकांत दुबे से सिर्फ छह हजार वोट से हार थे। इन दोनों चुनाव में प्रदीप यादव तीसरे स्थान पर रहे। congress changed candidate godda seat
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पिछले चुनाव में यानी 2019 में कांग्रेस, जेएमएम, राजद और मरांडी की पार्टी जेवीएम का तालमेल हुआ तो फिर प्रदीप यादव को टिकट मिल गई। वे विपक्ष की चारों बड़ी पार्टियों के गठबंधन में लड़े। तब वे दूसरे स्थान पर जरूर रहे लेकिन भाजपा के निशिकांत दुबे से एक लाख 84 हजार वोट से हारे। कोई पांच साल पहले विधानसभा चुनाव के बाद वे जेवीएम छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए और चौथी बार निशिकांत दुबे के सामने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगे।
उनके लगातार हार के रिकॉर्ड को देखते हुए ही दीपिका पांडेय सिंह को पहले टिकट दिया गया था। वे ब्राह्मण जाति से हैं और शादी कुशवाहा समाज में हुई है। गठबंधन में वे यादव, कुशवाहा, आदिवासी व मुस्लिम वोट के साथ साथ कुछ ब्राह्मण वोट भी ले सकती थीं। इसी वजह से उनको टिकट भी दी गई थी। लेकिन बाद में कुछ लोगों के विरोध को आधार बना कर उनकी टिकट काट दी गई।