सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सहयोगी पार्टियों के लिए प्रचार शुरू कर दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए दिल्ली और हरियाणा में प्रचार किया और साथ ही दिल्ली में कांग्रेस के दो उम्मीदवारों के लिए जनसभा की। इसके बाद वे उत्तर प्रदेश गए, जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांगा। हालांकि उनके उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम को लेकर कुछ कंफ्यूजन भी रहा। पहले उनको बुधवार को उत्तर प्रदेश जाना था, जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करनी थी। लेकिन ऐन मौके पर उनका कार्यक्रम टल गया और खड़गे व अखिलेश ने ही एक साथ प्रेस कांफ्रेंस की। इसके अगले दिन केजरीवाल लखनऊ पहुंचे।
अब सवाल है कि क्या केजरीवाल पश्चिम बंगाल जाएंगे चुनाव प्रचार करने? गौरतलब है कि ममता बनर्जी के साथ केजरीवाल के बहुत अच्छे संबंध हैं। इन दोनों नेताओं ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर एक अलग छोटा समूह बना रखा था, जिसकी वजह से कई फैसले नहीं हो पाए। कांग्रेस के किसी नेता का चेहरा पेश करने से लेकर नीतीश कुमार को संयोजक बनने से रोकने का फैसला केजरीवाल औऱ ममता के दबाव समूह ने किया था। अब ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ रही हैं। वहां कांग्रेस और लेफ्ट मिल कर लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश में लगे हैं। ऐसे में क्या केजरीवाल वहां जा सकते हैं? अगर वे जाने की सोचेंगे तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी। अगर नहीं जाते हैं तो ममता बनर्जी के साथ दूरी बढ़ेगी।