भारतीय जनता पार्टी के ऐसे सांसद, जो कई बार से एक ही सीट पर जीत रहे हैं उनको टिकट कटने की चिंता सता रही है। हालांकि आधिकारिक रूप से इसके लिए कोई कट ऑफ तय नहीं है लेकिन कहा जा रहा है कि तीन बार लगातार चुनाव जीते लोकसभा सांसदों की इस बार टिकट कट सकती है। उनमें भी ऐसे सांसद, जिनकी उम्र 70 साल या उससे ज्यादा हो गई है उनको निश्चित रूप से लोकसभा की टिकट नहीं मिलेगी। इसमें एकाध अपवाद हो सकता है। लेकिन ज्यादातर की टिकट कटेगी। अगर टिकट नहीं कटेगी तो सीट बदले जाने की संभावना है। अगर पुराने सांसदों की टिकट कटती है तो उनके राजनीतिक करियर का अंत होगा क्योंकि 70 साल के कम उम्र के कई सांसद ऐसे हैं, जिनकी टिकट कट गई तो राज्य में विधानसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है, जैसा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि राज्यों में देखने को मिला है।
बताया जा रहा एंटी इनकम्बैंसी कम करने के लिए कई सांसदों की टिकट कटेगी या सीट बदलेगी। राजधानी दिल्ली में सभी सांसदों की सीट खतरे में है। हंसराज हंस के पंजाब से तो प्रवेश वर्मा के हरियाणा या राजस्थान से लड़ने की खबर है। मनोज तिवारी को बिहार भेजे जाने की खबर है तो गौतम गंभीर और डॉक्टर हर्षवर्धन को टिकट नहीं मिलने की चर्चा है। रमेश विधूड़ी के भी राजस्थान से लड़ने की चर्चा है। मीनाक्षी लेखी के अलावा बाकी सभी छह सांसद चिंता में हैं। हालांकि सभी नेता दिल्ली से ही लड़ना चाहते हैं। इसी तरह बिहार में राधामोहन सिंह, आरके सिंह, रमा देवी, गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, रविशंकर प्रसाद आदि की टिकट कटने की चर्चा है। अगर गिरिराज सिंह को टिकट मिलती भी है तो संभव है कि उनकी सीट बदल जाए। झारखंड में पीएन सिंह, सुदर्शन भगत, सुनील सोरेन, विष्णुदेव राम और सुनील सिंह की टिकट कट सकती है। भाजपा जिन राज्यों में ज्यादातर सीटों पर जीती है, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी बड़ी संख्या में सांसदों की टिकट कटने की चर्चा है।