लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 429 सीटों पर मतदान हो चुका। अब दो चरणों में 114 सीटों पर मतदान बाकी है लेकिन अभी तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी या कोई भी दूसरा विपक्षी नेता मंदिर जाता नहीं दिखा है। पिछले चुनाव में ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के नेता चुनाव प्रचार कम और तीर्थाटन ज्यादा कर रहे थे। किसी भी शहर का शायद ही कोई मंदिर रहा होगा, जिसमें राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा नहीं गए थे या दूसरे विपक्षी नेताओं के पूजा पाठ करते तस्वीर सामने नहीं आई थी। यहां तक कि राहुल गांधी जब पहली बार भारत जोड़ो यात्रा पर निकले तो रास्ते में पड़ने वाले हर मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की। दूसरी यात्रा में इसमें थोड़ी कमी आ गई।
और अब चुनाव प्रचार में उन्होंने मंदिरों से दूरी बनाई है। फैजाबाद लोकसभा सीट पर मतदान हो गया। इसी लोकसभा क्षेत्र में अयोध्या भी है, जहां 22 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन हुआ इस सीट पर भाजपा का सीधा मुकाबला सपा से। सपा के नेता प्रचार करने भी पहुंचे लेकिन कोई राममंदिर में नहीं गया। उद्घाटन के बाद से अभी तक कांग्रेस का कोई बड़ा नेता अयोध्या में दर्शन करने नहीं गया। प्रधानमंत्री मोदी ने नामांकन से पहले वाराणसी के कई मंदिरों में पूजा अर्चना की। दूसरी ओर राहुल गांधी ने दो जगह से नामांकन किया और चुनाव लड़े लेकिन किसी मंदिर में नहीं गए। ऐसा माना जा रहा है कि विपक्ष ने एक रणनीति के तहत मंदिरों से दूरी रखी ताकि किसी तरह से धर्म का मुद्दा चुनाव में नहीं उठे। दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां विशुद्ध रूप से जाति के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं इसलिए भी धर्म के मुद्दे से दूरी रखी गई।