वैसे तो भाजपा नेताओं और सोशल मीडिया की मानें तो पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है और भारत से पूछे बगैर दुनिया का कोई भी नेता कोई फैसला नहीं कर रहा है। लेकिन अभी संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को में कार्यकारी बोर्ड का चुनाव हुआ था, जिसमें पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया। यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के चुनाव में भारत की ओर से विशाल शर्मा चुनाव लड़े थे। उनको पाकिस्तानी उम्मीदवार ने हराया। भारत के विशाल शर्मा को सिर्फ 18 वोट मिले, जबकि पाकिस्तानी उम्मीदवार को 38 वोट मिले। यानी भारत से दोगुने से भी ज्यादा वोट पाकिस्तानी उम्मीदवार को मिले।
अब इस बात की जांच हो रही है कि भारत कैसे कार्यकारी बोर्ड के आधे सदस्यों के भी वोट नहीं ले सका? यूनेस्को में भारत के प्रतिनिधि विशाल शर्मा की राजनीतिक नियुक्त हुई थी तभी सवाल है कि क्या विदेश सेवा के अधिकारियों ने उनके साथ सहयोग नहीं किया? सबको पता है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत की हैसियत चाहे जो लेकिन पाकिस्तान की हैसियत बहुत खराब है। पाकिस्तान दुनिया भर के देशों से कर्ज मांगता फिरता है और विश्व बिरादरी में उसकी साख बहुत खराब है। इसक बावजूद यूनेस्को के उपाध्यक्ष पद पर उसके उम्मीदवार ने भारत को बुरी तरह से हराया। भारत को निश्चित रूप से पता लगाना चाहिए कि कहां गड़बड़ी हुई और किस देशों ने किस कारण से पाकिस्तान के उम्मीदवार को समर्थन किया। कौन सी विश्व शक्ति भारत के मुकाबले पाकिस्तान को बढ़ावा दे रही है?