तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कम से कम एक मामले में भाजपा के नक्शे कदम पर चलती दिख रही हैं। बताया जा रहा है कि वे अपनी पार्टी के उम्रदराज नेताओं की टिकट काटने जा रही हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी 70 साल की उम्र सीमा तय करने जा रही है। इससे ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट नहीं दी जाएगी। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से लगातार नए चेहरे आगे किए जाने से ममता को भी लग रहा है कि युवा मतदाताओं को साथ लाने और एंटी इन्कम्बैंसी कम करने के लिए नए चेहरे चुनाव मैदान में उतारने पड़ेंगे।
जब से इस योजना की खबर आई तब से कई पुराने नेता परेशान घूम रहे हैं। गौरतलब है कि ममता बनर्जी की पार्टी में ज्यादातर नेता पुरानी कांग्रेस पार्टी के हैं, जिनमें बुजुर्ग नेताओं की तदाद काफी है। ममता के बेहद करीबी माने जाने वाले कई नेता भी इस दायरे में आ रहे हैं। मिसाल के तौर पर सुदीप बंदोपाध्याय 74 साल के हो गए हैं। सबसे पुराने नेताओं में से एक सौगत राय 76 साल के हो गए हैं। प्रसून बनर्जी भी 68 साल के हो गए हैं और कल्याण बनर्जी की उम्र भी 66 साल है। सो, पार्टी में हलचल मची है। उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी कई नेता उत्साहित हैं कि उनको मौका मिल सकता है। इससे पुराने और नए नेताओं का विवाद भी स्थायी रूप से सुलझ जाने की संभावना जताई जा रही है।