केंद्र सरकार भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की सरजमीं पर स्थित आतंकवादी संगठनों के बारे में दुनिया को बताने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेज रही है। इसमें कुल 59 सदस्य हैं, जिनमें आठ पूर्व राजदूत हैं। छह प्रतिनिधिमंडल में एक एक और एक में दो राजदूत रखे गए हैं। इनके अलावा 51 सांसद और पूर्व सांसद हैं। इनमें कांग्रेस के सिर्फ पांच हैं।
सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने और दोनों सदनों को मिला कर 130 सांसद होने के नाते कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कम है। लेकिन कहा जा सकता है कि मोटामोटी इसी अनुपात में भाजपा के लोग भी चुने गए हैं। दोनों सदनों में भाजपा के सांसदों की संख्या 340 के करीब है और उसके 18 सदस्यों को कमेटी में रखा गया है। इनके अलावा कुछ अन्य लोग हैं, जो भाजपा समर्थक माने जाते हैं।
कांग्रेस के पांच सदस्यों को अलग अलग डेलिगेशन में रखा गया है, जिनमें से एक शशि थरूर को एक डेलिगेशन का नेतृत्व सौंपा गया है। यह अलग बात है कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि थरूर को इस मिशन पर भेजा जाएगा। बहरहाल, थरूर के अलावा आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, अमर सिंह और सलमान खुर्शीद को शामिल किया गया है। हालांकि कांग्रेस के भले पांच ही सदस्य इस मिशन में भेजे जा रहे हैं लेकिन उनके अलावा आठ ऐसे नेता हैं, जो पहले कांग्रेस में रहे हैं और अब दूसरी पार्टियों में चले गए हैं। भाजपा और अन्य पार्टियों के आठ पूर्व कांग्रेसी नेता इस डेलिगेशन में भेजे जा रहे हैं।
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ऑपरेशन सिंदूर पर विदेशी दौरा
दशकों तक कांग्रेस के साथ राजनीति करने वाले गुलाम नबी आजाद को सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल का सदस्य बनाया है। इसी तरह कांग्रेस के हल्लाबोल ब्रिगेड के नेता रहे एसएस अहलूवालिया को भी सरकार इस मिशन पर भेज रही है। वे अभी भाजपा के साथ जुड़े हैं।
कांग्रेस सरकार में मंत्री रही डी पुरंदेश्वरी भी इस मिशन के तहत विदेश दौरे पर जा रही हैं तो अस्सी के दशक में पहली बार कांग्रेस से लोकसभा सांसद बने पत्रकार एमजे अकबर भी इस मिशन का हिस्सा हैं। दशकों तक कांग्रेस के साथ रहे और भाजपा में चले गए असम के नेता भुवनेश्वर कलीता भी एक डेलिगेशन के अध्यक्ष हैं तो कांग्रेस छोड़ कर जेएमएम में चले गए राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद भी विदेश दौरे पर जा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे की शिव सेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कांग्रेस प्रवक्ता के तौर पर राजनीति शुरू की थी और फिर शिव सेना में चली गई थीं। एकनाथ शिंदे की शिव सेना के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस में थे और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री थे। उनके पिता दिवंगत मुरली देवड़ा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल थे।