प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार संसद में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर बड़ा तंज किया था। उन्होंने कहा था कि आईएएस हो गए तो क्या मतलब है कि सारे काम करेंगे। लेकिन बड़े सरकारी बाबुओं से उनका प्रेम भी जगजाहिर है। वे चुन चुन कर अधिकारियों को सांसद या विधायक बनाते हैं और उनको मंत्री भी बनाते हैं। उनकी सरकार में कई आएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी मंत्री बने। विदेश सेवा के अधिकारी हर्षवर्धन शृंगला को केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। शृंगला कुछ दिन पहले ही विदेश सचिव के पद से रिटायर हुए हैं।
शृंगला विदेश सेवा के तीसरे अधिकारी हैं, जिनको राज्यसभा भेजा जा रहा है। इससे पहले दो अधिकारी राज्यसभा में हैं। पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को गुजरात से राज्यसभा भेजा गया है। वे विदेश मंत्री भी हैं। ऐसे ही विदेश सेवा के अधिकारी हरदीप सिंह पुरी को भी राज्यसभा भेजा गया है। वे देश के पेट्रोलियम मंत्री हैं। उनको भाजपा ने एक बार अमृतसर सीट से चुनाव भी लड़ाया था लेकिन वे जीत नहीं सके थे। बहरहाल, हर्षवर्धन शृंगला अमेरिका में भारत के राजदूत रहे हैं। उनके पिता सिक्किम के बौद्ध थे और मां हिंदू थीं। इन दिनों दलाई लामा और चीन को लेकर विवाद चल रहा है। यह भी संयोग है कि पिछले दिनों देश को पहला बौद्ध चीफ जस्टिस मिला।