अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी तक बोल रहे थे। उन्होंने अलग अलग मौकों पर 12 बार कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को उन्होंने रूकवाया। ट्रंप ने कई विदेशी मेहमानों के सामने और कई बहुपक्षीय मंचों पर भी कहा कि उन्होंने व्यापार और टैरिफ की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान को युद्ध रूकवाया। बाद में उनकी सरकार ने लिखित रूप से अमेरिका की एक अदालत को बताया कि ट्रंप ने टैरिफ लगाने की अपनी शक्ति के आधार पर भारत और पाकिस्तान का युद्ध रूकवाया अन्यथा लाखों लोगों की मौत हो सकती थी। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद लिख कर कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुआ सीजफायर उन्होंने कराया था और व्यापार की धमकी दी थी।
ट्रंप ने यह बात इजराइल और ईरान के बीच चल रहे .युद्ध के संदर्भ में लिखी है। ट्रंप ने सोशल मीडिया में लिखा कि जैसे उन्होंने व्यापार की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान का युद्ध रूकवाया वैसे ही इजराइल और ईरान का भी रूकवा देंगे। उन्होंने दोनों देशों को धमकाया भी लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि इजराइल और ईरान पर कई असर पड़ा है। क्योंकि ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद इजराइल ने ईरान पर सबसे बड़ा हमला किया। उसने ईरान का विदेश मंत्रालय तबाह कर दिया और उसके हमले में कम से कम ढाई सौ लोग मारे गए। ईरान ने भी पलट कर बड़ा हमला किया। बहरहाल, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के दौरे पर गए हैं, जहां उनको जी 7 की बैठक में हिस्सा लेना है। उसमें डोनाल्ड ट्रंप भी होंगे और दोनों के बीच दोपक्षीय वार्ता भी हो सकती है। क्या प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से इस बारे में बात करेंगे? भारत का कहना है कि किसी देश के दबाव में सीजफायर नहीं हुआ और व्यापार की बात कहीं नहीं हुई। क्या मोदी यह बात ट्रंप से कह सकते हैं? अगर बात नहीं कर सकते हैं तो बिना नाम लिए जी 7 के मंच से कह दें कि कुछ लोग झूठा क्रेडिट लेने में लगे रहते हैं!