Tuesday

29-07-2025 Vol 19

जाटों से भाजपा का कैसा वैर

19 Views

यह सिर्फ सोशल मीडिया का मजाक नहीं है। सचमुच भाजपा से जाट नहीं संभल रहे। कारण चाहे जो भी हो लेकिन जाट नेताओं के साथ भाजपा की जम नहीं रही है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि एक रणनीति के तहत भाजपा ने जाटों के साथ दूरी रखने की राजनीति की है। भाजपा के अपने जाट नेता भी ज्यादा खुश नहीं हैं। भाजपा में संजीव बालियान को बड़े जोर शोर से आगे किया गया था। उनको मंत्री भी बनाया गया। लेकिन पिछला चुनाव हारने के बाद वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ दूसरे नेताओं से राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा ने उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष जाट समाज के भूपेंद्र चौधरी को बनाया है लेकिन उनकी भी उलटी गिनती चल रही है। कभी भी उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष बदला जा सकता है और इस बार पिछड़ा या किसी ब्राह्मण नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है।

बहरहाल, ताजा मामला जगदीप धनखड़ का है, जिन्होंने सोमवार, 21 जुलाई को उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उनका दो साल का कार्य़काल बचा हुआ था। वैसे तो उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने की बात कही लेकिन इस पर किसी को यकीन नहीं है। माना जा रहा है कि सरकार की नाराजगी की वजह से उनको इस्तीफा देना पड़ा है। उनके इस्तीफे के बाद से यह कहा जा रहा है कि वे सत्यपाल मलिक के रास्ते पर चल रहे थे। उनसे पहले सरकार का कोपभाजन बने जाट नेता सत्यपाल मलिक हैं। उनको राज्यपाल के एक कार्यकाल में बिहार से जम्मू कश्मीर और गोवा से मेघालय तक घुमाया गया। हटने के बाद से वे केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और सीबीआई की जांच झेल रहे हैं।

ऐसा लग रहा है कि भाजपा ने हरियाणा में जो गैर जाट राजनीति शुरू की उसका असर चारों तरफ दिख रहा है। हरियाणा के जाट नेताओं के साथ तो भाजपा के संबंध और भी खराब रहे। बीरेंद्र सिंह बड़े जोश में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए थे। उन्होंने अपने आईएएस बेटे ब्रजेंद्र सिंह को भाजपा से चुनाव लड़ाया। वे एक बार सांसद भी रहे। लेकिन दूसरी बार टिकट कट गई और फिर पिता व पुत्र दोनों कांग्रेस में चले गए। इसी तरह 2019 के चुनाव के बाद जाटों के सबसे बड़े नेताओं में से एक चौधरी देवीलाल के परपोते दुष्यंत चौटाला के 10 विधायकों की मदद से भाजपा ने सरकार बनाई। लेकिन पांच साल बाद उनको दूध की मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। दुष्यंत की पार्टी को 2024 के चुनाव में न वोट मिले न सीटें मिलीं। हरियाणा में भाजपा के अपने जाट नेता कैप्टेन अभिमन्यु बियाबान में भटक रहे हैं। भाजपा के साथ जाटों के इस इतिहास की याद दिला कर लोग चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी को सावधान कर रहे हैं।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *