बिहार में एक बार फिर एनडीए के घटक दलों में घमासान छिड़ गया है। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राज्य की नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। बिहार में अपराध की घटनाओं को लेकर चिराग ने उसी तरह से हमला किया है, जिस तरह से विपक्षी पार्टियां कर रही हैं। उन्होंने एक बीमार महिला के साथ एंबुलेंस में हुई बलात्कार की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें शर्म आ रही है कि वे ऐसे गठबंधन की सरकार को समर्थन दे रहे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि समर्थन देने के लिए उनके पास एक भी विधायक नहीं है। उनके पांच सांसद हैं, जो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार को समर्थन देते हैं। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने के लिए उनके पास एक भी विधायक नहीं हैं।
बहरहाल, उनके बयान के बाद जनता दल यू की ओर से उन पर तीखा हमला किया गया। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने चिराग को उनकी अपनी पार्टी की याद दिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी में अहम पदों पर अपराधी लोग बैठे हैं। जदयू ने पहले उनको हटाने की मांग की। उधर दूसरे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी चिराग के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने चिराग के बयान के जवाब में कहा कि उनको गर्व है कि वे नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन दे रहे हैं। ध्यान रहे मांझी के पास चार विधायकों की ताकत है। चुनाव से तीन महीने पहले एनडीए के घटक दलों में छिड़े इस घमासान से नुकसान की संभावना मानी जा रही है।
लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि आखिर क्यों चिराग पासवान इतने आक्रामक हो गए हैं? क्या वे फिर 2020 की तरह अलग होकर नीतीश कुमार को नुकसान पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ेंगे और अगर ऐसा करेंगे तो क्या भाजपा की केंद्र सरकार में बने रहेंगे? ध्यान रहे 2020 में भाजपा की शह पर ही उन्होंने नीतीश की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे और 30 से ज्यादा सीटों पर नीतीश को हरवा दिया था। हालांकि इस बार कहा जा रहा है कि वे दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि जनता दल यू उनको ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं है। जितनी कम सीटों का प्रस्ताव उनको दिया जा रहा है उससे वे आहत हैं और अनाप शनाप बयान देकर नीतीश की पार्टी को शर्मिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर एक बीमार महिला को अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस का ड्राइवर और अटेंडेट उसके साथ बलात्कार करता है तो इसके लिए बिहारी होने और इंसान पर शर्म आनी चाहिए।