Bihar Assembly Election

  • बुनियादी रूप से कुछ नहीं बदला

    इस बार ऐसा लग रहा था बिहार में चुनाव वास्तविक मुद्दों पर लड़ा जाएगा। विकास से जुड़े बुनियादी सवाल उठेंगे क्योंकि प्रशांत किशोर ने दो साल की पदयात्रा से लोगों को जागृत किया था। लोगों को ललकारा था कि वे अपने बच्चों के चेहरे देख कर वोट करें। प्रशांत ने मुस्लिम बस्तियों में जाकर उनको ललकारा कि वे भाजपा के भय से राजद और कांग्रेस का बंधुआ बने रहेंगे तो उसी दुर्दशा की हालत में रहेंगे, जिसमें अभी हैं। यादवों को भी ललकारा कि वे कब तक जाति के नाम पर लालू परिवार की गुलामी करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन, रोजगार...

  • जाति राजनीति का विस्फोट होना है

    नीतीश सरकार की कराई जाति गणना के बाद बिहार में पहला चुनाव है। यह चुनाव कई तरह से राजनीति को बदलने वाला है। आखिरी बार अंग्रेजी राज में 1931 में जाति गणना हुई थी और उसके बाद भी जातियों का ध्रुवीकरण नए तरह से हुआ था। उस समय कांग्रेस के सवर्ण नेतृत्व के खिलाफ यादव, कोईरी और कुर्मी का त्रिवेणी संघ बना था, जिसने 1937 के चुनाव में कई इलाकों में कांग्रेस को हरा दिया था। हालांकि कांग्रेस के मजबूत संगठन, आजादी की लड़ाई के बड़े लक्ष्य और अगड़ी जातियों की ओर से हुए अति हिंसक प्रतिरोध की वजह से...

  • पूरी तरह प्रबंधन का चुनाव

    बिहार विधानसभा का चुनाव एक तरफ, जहां जातियों के आधार पर बंटा हुआ दिख रही है वही दूसरी ओर प्रबंधन और प्रचार पर टिका हुआ भी है। जन सुराज पार्टी बना कर राजनीति में उतरे चुनाव प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी प्रशांत किशोर ने बिहार की पार्टियों और नेताओं को दिखाया कि कैसे प्रबंधन के जरिए, मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए कम समय में लोगों की सोच को प्रभावित किया जा सकता है। उन्होंने प्रबंधन और प्रचार के जरिए बिहार के लोगों की इमेजिनेशन को कैप्चर किया। चुनाव नतीजा क्या होगा, वे कितनी सीटें जीतेंगे, उन्हें कितना वोट मिलेगा यह...

  • महागठबंधन एकजुट होकर जाएगा चुनाव में!

    गुरुवार, 23 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के मतदान के लिए नाम वापसी की आखिरी तारीख है। शाम तीन बजे तक स्पष्ट हो जाएगा कि कितनी सीटों पर महागठबंधन की पार्टियां ‘डैमेज कंट्रोल’ कर पाती हैं और कितनी सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ होती है। यह तय होने के बाद खबर है कि महागठबंधन की सभी पार्टियों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसका इंतजार दो हफ्ते से ज्यादा समय से हो रहा है। छह अक्टूबर को चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा की तारीखों का ऐलान किया और उसके बाद से इंतजार हो रहा है कि कब...

  • बिहार विधानसभा चुनाव: आप ने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी

    आम आदमी पार्टी (आप) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 50 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची की घोषणा की हैं। तीसरी सूची में लौरिया से शशि भूषण तिवारी, बेतिया से अर्जुन कुमार सिन्हा, सुगौली से गयासुद्दीन सामैनी और समस्तीपुर से रंजन कुमार समेत अन्य उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। इससे पहले मंगलवार को आप ने अपनी दूसरी सूची जारी की थी, जिसमें 48 उम्मीदवार शामिल थे। प्रेम प्राप्त सिंह को छपरा से, राजेंद्र प्रसाद सिंह को लालगंज से, आदित्य लाल को पूर्णिया से और इंद्रजीत ज्योतिकर को हथुआ से मैदान में उतारा गया है।...

  • इसलिए बिहार ज़रूरी है नरेंद्र भाई के लिए

    2026 में होने वाले पांच प्रदेशों के चुनाव नतीजों का 2027 में होने वाले छह राज्यों पर इसलिए चक्रवृद्धि ब्याज जैसा असर पड़ेगा कि तब फरवरी के मध्य से साल के अंत तक गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोआ में चुनाव होंगे। दिसंबर में गुजरात के चुनाव आने से पहले साल की पहली छमाही में ही बाकी पांच राज्यों के चुनाव निपट चुके होंगे और इन में से तीन के परिणाम गुजरात का भविष्य भी लिखने का काम करेंगे। तक़रीबन एक महीने बाद नवंबर में बिहार विधानसभा के चुनाव हो जाने के बाद, 2029 में अगले लोकसभा चुनाव...

  • जदयू ने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

    बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में शामिल जदयू ने गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में कुल 57 उम्मीदवारों के नाम हैं। सूची के मुताबिक, आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बिहारीगंज से निरंजन कुमार मेहता, मधेपुरा से कविता साहा, सिंघेश्वर से रमेश ऋषिदेव, और सोनबरसा से रत्नेश सदा को टिकट दिया गया है। इसके अलावा, मंत्री श्रवण कुमार को एक बार फिर नालंदा से टिकट थमाया गया है, तो अनन्त सिंह मोकामा से चुनावी मैदान में होंगे। इसके अलावा, बहादुरपुर से मदन सहनी को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि...

  • भाजपा ने बिहार खरीदा, जीत लिया!

    हो सकता है मैं गलत हूं, फिर भी मेरा मानना है बिहार मोदी-शाह की गोद में है। तेजस्वी, राहुल गांधी, प्रशांत किशोर किसी का कोई अर्थ नहीं। इन सबकी याकि विपक्ष की दिक्कत है जो नहीं समझते कि नरेंद्र मोदी-अमित शाह चौबीस घंटे सत्ता की भूख में जीते हैं। कैसे भी हो सत्ता में रहना है। सोचें, ईस्ट इंडिया कंपनी के बनिया अंग्रेज और मोदी-शाह में क्या समानता है? फूट डालो, राज करो और खरीदो! त्रासद है उस इतिहास को याद कराना। पर तथ्य याद करें कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1757 में पलासी और 1764 में बक्सर के युद्ध...

  • बिहार में दो चरणों में चुनाव

    नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार से लौटने के अगले ही दिन यानी सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया। बिहार में विधानसभा की 243 सीटों के लिए दो चरणों में छह और 11 नवंबर को वोटिंग होगी। 14 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को शाम चार बजे दोनों चुनाव आयुक्तों के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया है कि पहले चरण छह नवंबर को 121 और दूसरे चरण में 11 नवंबर को बची हुई...

  • बिहार एनडीए में घमासान बढ़ा

    बिहार में एक बार फिर एनडीए के घटक दलों में घमासान छिड़ गया है। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राज्य की नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। बिहार में अपराध की घटनाओं को लेकर चिराग ने उसी तरह से हमला किया है, जिस तरह से विपक्षी पार्टियां कर रही हैं। उन्होंने एक बीमार महिला के साथ एंबुलेंस में हुई बलात्कार की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें शर्म आ रही है कि वे ऐसे गठबंधन की सरकार को समर्थन दे रहे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि समर्थन...

  • राजद के निशाने पर नीतीश नहीं भाजपा

    बिहार में कमाल की राजनीति हो रही है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, पार्टियों की राजनीति साफ होती जा रही है। एक तरफ जनसुराज पार्टी के प्रशांत किशोर हैं, जिनका सारा हमला राजद के साथ साथ जदयू और नीतीश कुमार पर है। वे भाजपा को निशाना नहीं बना रहे हैं। तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने अब एक रणनीति के तहत नीतीश कुमार को निशाना बनाना बंद कर दिया है। नीतीश पर हमला हो भी रहा है तो सरकार के कामकाज को लेकर, खास कर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। नीतीश...

  • बहलाने के हथकंडे

    भारत की कथित लोकतांत्रिक राजनीति भटक चुकी है। ‘लोक’ को भरमाने, बहकाने और बहलाने के उपाय ढूंढना ही इसमें कामयाबी का मूलमंत्र बन गया है। वरना, अगर रोजगार की चिंता होती, तो बिहारी नेता इस समस्या पर समग्र नजरिए से विचार करते।  बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मूल निवासी (डोमिसाइल) का मुद्दा गरमाया हुआ है। महा-गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने कुछ रोज पहले एलान किया कि उनकी सरकार बनी, तो सभी सरकारी नौकरियां बिहार के मूलवासियों के आरक्षित कर दी जाएंगी। नई उभरी जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर का भी मुख्य मुद्दा अब तक हुई...

  • बिहार में कांग्रेस सही रास्ते पर

    bihar assembly election : कांग्रेस ने बिहार में पहले दलित को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। फिर बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक राजद से गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस घोषणा के होते ही गोदी मीडिया को कैसा सांप सूंघ गया। खबर तक नहीं दी। फिर बीजेपी ने डांट लगाई तो उठकर अब बताने लगे है कि इससे कांग्रेस को क्या क्या नुकसान होगा!....  मीडिया भाजपा को माई बाप मानता है और कांग्रेस को गरीब की जोरू। बिहार में कांग्रेस सही जा रही है। पहले उसने अपनी पार्टी मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू की। और फिर बहुत सही समय...

  • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘पोस्टर वार’

    bihar assembly election : बिहार में इस साल अक्‍टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है। चुनाव के लेकर अभी से ही राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसे लेकर एक-दूसरे को घेरने का भी कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। इस बीच, रमजान के में दावत-ए-इफ्तार को लेकर भी सियासी पारा उबाल पर है।  सोमवार को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में रोजेदारों ने शिरकत की। इधर बिहार में पिछले कुछ दिनों से पोस्टर वॉर भी शुरू हो चुका है।  मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर वक्फ और...

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