कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ताल ठोंक कर कहा है कि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। गौरतलब है कि मई 2023 में कर्नाटक की सरकार बनते समय इस बात की चर्चा हुई थी कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई ढाई साल तक सत्ता में साझीदारी का फॉर्मूला तय हुआ है। पहले ढाई साल सिद्धारमैया सीएम रहेंगे और इस अवधि में शिवकुमार उप मुख्यमंत्री के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष भी बने रहेंगे। इस फॉर्मूले के मुताबिक बाद के ढाई साल शिवकुमार को सीएम बनाना था और प्रदेश अध्यक्ष सिद्धारमैया की पसंद का होना था।
अब सिद्धारमैया के बतौर मुख्यमंत्री ढाई साल पूरे होने वाले हैं। जैसे जैसे उसकी डेडलाइन नजदीक आ रही है वैसे वैसे दोनों खेमों से बयानबाजी बढ़ रही है। शिवकुमार के समर्थक उनको मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं तो सिद्धारमैया और उनके समर्थक कुर्सी नहीं छोड़ने पर अड़े हैं। अब सवाल है कि अगर सिद्धारमैया कुर्सी नहीं छोड़ेंगे तो क्या होगा? क्या शिवकुमार अगले चुनाव तक इंतजार करने को राजी होंगे? वे भी अलग अलग तरह के संकेत देते रहते हैं लेकिन इस बात की संभावना कम है कि वे पार्टी तोड़ेंगे और भाजपा के साथ जाएंगे। अगर वे कांग्रेस में ही रहते हैं तो क्या अगले ढाई साल तक वे प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे? जो वो वे सबसे लंबे समय तक सीएम इन वेटिंग होते दिख रहे हैं।