ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकवादी शिविरों पर हुई सैन्य कार्रवाई यानी ऑपरेशन सिंदूर का पूरे देश में उसी अंदाज में प्रचार करेगी, जिस अंदाज में नब्बे के दशक में राम मंदिर का किया गया था। उस समय जैसे भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांव गांव में राम शिला पूजन कराया था उसी तरह अब घर घर में सिंदूर पहुंचाने की तैयारी हो रही है।
ध्यान रहे अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले भी घर भगवान राम की तस्वीर और कुछ अन्य पूजा सामग्री पहुंचाई गई थी। राजधानी दिल्ली में भी सभी आरडब्लुए के जरिए इस अभियान को पूरा कराया गया था। वैसे ही भाजपा घर घर सिंदूर की पुड़िया पहुंचाने की तैयारी में है।
इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने वाले पैम्फलेट भी छपवाए जाने की खबर है, जो लोगों के बीच बांटे जाएंगे। आने वाले दिनों में ऑपरेशन सिंदूर के नाम से रथयात्रा निकल जाए तो हैरानी नहीं होगी।
ऐसे ही खबर है कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर में किसी भी तरह की भूमिका निभाने वाले हर विभाग की एक डॉक्यूमेंटरी बनाएगी। इसमें सिर्फ विभाग के कामकाज और उसकी भूमिका के बारे में नहीं बताया जाएगा, बल्कि उस विभाग में काम करने वाले लोगों और उनके परिजनों को भी दिखाया जाएगा ताकि उनमें गर्व की भावना पैदा हो।
ध्यान रहे पहले ही अनेक जगह से खबर आई है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय जिन बच्चों का जन्म हुआ उनमें से बहुतों के माता पिता ने उनका नाम सिंदूर रखा है। इस बात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात के दौरे में किया। इस बात को भी हाईलाइट किया जाएगा।
पता नहीं सामरिक और उन अधिकारियों की सुरक्षा के नजरिए से यह बात कितनी ठीक है लेकिन यह हकीकत है कि सुरक्षा बलों की ओर से अपने अधिकारियों के नाम बताए जा रहे हैं। जैसे बीएसएफ ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से हो रहे हमले के दौरान भारत की किन बहादुर महिला सुरक्षाकर्मियों ने भारतीय चौकियों की जिम्मेदारी संभाली।
उनके नाम जारी किए गए हैं। इससे पहले शायद ही कभी ऐसा हुआ हो। इतनी ही नहीं बीएसएफ की ओर से सांबा सेक्टर में एक अग्रिम चौकी का नाम ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर रखने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है, जिसे निश्चित रूप से स्वीकार कर लिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रचार करने और उसका राजनीतिक लाभ लेने के अभियान में अग्रणी भूमिका खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निभाएंगे। उन्होंने अपने गृह प्रदेश गुजरात से शुरू किया, जहां भुज से लेकर गांधीनगर तक में उन्होंने रोड शो किया और रैलियां कीं। 29 और 30 मई को वे बिहार में रहेंगे।
29 मई की शाम को पटना की सड़कों पर करीब एक घंटे का रोड शो करेंगे। उस समय सड़क के किनारे लोग तिरंगा लेकर खड़े होंगे। अगले दिन प्रधानमंत्री की रैली होगी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर उसी विस्तार से उनका भाषण होगा, जैसा उन्होंने गुजरात में किया।
ध्यान रहे बिहार में अगले चार महीने में चुनाव होने वाले हैं। यह सिलसिला धीरे धीरे देश के दूसरे राज्यों में भी पहुंचेगा। सेना को चार दिन के मारक और प्रभावी अभियान का राजनीतिक इस्तेमाल के लिए अगले चार साल तक प्रचार हो तो कोई हैरानी नहीं होगी।
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