ऑल इंडिया एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल न्याय यात्रा शुरू कर दी है। इससे पहले उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से सारी कोशिश कर ली कि सेकुलर वोट नहीं बंटे लेकिन महागठबंधन के नेताओं ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया। गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस आलाकमान से कई बार कहा कि एमआईएम को गठबंधन में शामिल कर लिया जाए। इससे भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा नहीं होगा। ओवैसी ने कहा कि उनके ऊपर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगाया जाता है लेकिन अब पता चल गया कि हकीकत क्या है।
इसके बाद उन्होंने सीमांचल न्याय यात्रा की शुरुआत की। यात्रा की शुरुआत में जैसी भीड़ जुटी वह महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। महागठबंधन ने वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत सासाराम से 17 अगस्त को की थी और जैसी भीड़ उसमें जुटी वैसी भीड़ अकेले ओवैसी की सभा में जुट गई। हजारों की संख्या में मुस्लिम, जिसमें ज्यादा संख्या युवाओं की है, इस यात्रा में शामिल हुए। यह देख कर निश्चित रूप से महागठबंधन के नेताओं की नींद उड़ी होगी। पिछले चुनाव में इसी इलाके में ओवैसी को पांच सीटें मिली थीं और करीब एक दर्जन सीटों पर उन्होंने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया था। इस बार भले एकदम आमने सामने का चुनाव दिख रहा है फिर भी सीमांचल में ओवैसी की पार्टी महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है।