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पटना यूनिवर्सिटी चुनाव से कांग्रेस को ताकत

पटना

कांग्रेस पार्टी बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के साथ ही लड़ेगी लेकिन उसके साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू करने से पहले कांग्रेस को बड़ी ताकत मिली है। पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के प्रतिष्ठित चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने शानदार प्रदर्शन किया और राजद बहुत पीछे छूट गई, बल्कि राजद लड़ाई में ही नहीं आ पाई। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के भी सारे उम्मीदवार हार गए लेकिन वे संतोष कर सकते हैं कि उनके समर्थन से एनएसयूआई का अध्यक्ष पद का उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा।

असल में जन सुराज को बाद में पता चला कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एबीवीपी से नाता है। इसलिए चुनाव के बीच पार्टी ने एनएसयूआई के मनोरंजन कुमार को समर्थन दे दिया, जो दूसरे स्थान पर रहे। एबीवीपी की मैथिली मृणालिनी चुनाव जीतीं। पटना यूनिवर्सिटी के 108 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला अध्यक्ष जीती है।

पटना यूनिवर्सिटी चुनाव में एनएसयूआई की मजबूती

एनएसयूआई का उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा, जबकि राजद के उम्मीदवार बहुत मामूली वोट मिले और वह शीर्ष तीन में शामिल नहीं है। इसके अलावा दो अन्य सीटों पर एनएसयूआई ने जीत हासिल की। एनएसयूआई की सौम्या श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष के पद पर और रोहन कुमार संयुक्त सचिव पद पर चुनाव जीते।

उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर निर्दलीय जीते। कहा जा रहा है कि एनएसयूआई के अध्यक्ष के उम्मीदवार को जन सुराज का समर्थन मिलने का फायदा बाकी सभी उम्मीदवारों को भी मिला। कारण चाहे जो रहा हो लेकिन हर पद पर राजद के बहुत पीछे रहने और एनएसयूआई के जीतने या नंबर दो और तीन पर रहने का फायदा कांग्रेस को होगा। कांग्रेस इसे मोलभाव के एक टूल के तौर पर इस्तेमाल करेगी।

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Pic Credit: ANI

By NI Political Desk

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