दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की बदजुबानियों की बहुत सारी मिसालें हैं। अनेक लोगों ने उनको पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट्स निकाल कर साझा किया, जिनमें उन्होंने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर विपक्ष के अनेक नेताओं के बारे में बेहद गैरजिम्मेदार, अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। अब वे मुख्यमंत्री बन गई हैं फिर भी उन्होंने अपने को बदला नहीं है। वे अब भी विपक्षी नेताओं को इसी तरह की अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रही हैं। माना जा रहा था कि वे मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठने के बाद जिम्मेदारी के साथ टिप्पणी करेंगी और छोटी छोटी राजनीतिक टिप्पणियों में नहीं उलझेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। तभी कई जानकार यह तंज भी कर रहे हैं अन्य योग्यताओं के साथ साथ अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियों की योग्यता ने भी उनको मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया है।
बहरहाल, वे पिछले कुछ दिनों से कई विपक्षी नेताओं पर की गई अपनी टिप्पणियों का कारण विवाद में फंसी हैं। एक तो टेलीविजन के एंकर्स ने न्यूज को तमाशा बना दिया है और ऊपर से रेखा गुप्ता जैसे नेता उस तमाशे में शामिल होने पहुंच जाते हैं। एक एंकर उनके साथ रैपिड फायर राउंड खेल रहा था और हर नेता के बारे में एक शब्द में उनका राय पूछ रहा था। इसी क्रम में उन्होंने देश के सबसे बड़े राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ‘टोटीं चोर’, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को ‘बेवकूफ’, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को ‘गुड फॉर नथिंग’ और कन्हैया कुमार के लिए ‘देश तोड़ो’ का जुमला बोला। कायदे से तो किसी पार्टी के प्रवक्ता को भी अपनी विरोधी पार्टियों के नेताओं के बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए लेकिन किसी मुख्यमंत्री को तो निश्चित रूप से ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। रेखा गुप्ता की टिप्पणियां या तो तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत हैं या बहुत सब्जेक्टिव हैं और विपक्षी नेताओं के प्रति अपमान व नफरत के भाव से भरी हैं।