भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली का विधानसभा चुनाव शीशमहल के मुद्दे पर लड़ा था। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री रहते जो सरकारी बंगला बनवाया था उसे बनाने और उसकी साज सज्जा पर 50 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। भाजपा ने उसकी तस्वीरें और वीडियो जारी करके उसे शीशमहल बताया और उसी मुद्दे पर चुनाव लड़ा। दूसरी कई चीजों के साथ साथ शीशमहल का विवाद केजरीवाल की आम आदमी की छवि ध्वस्त करने में कारगर साबित हुई। उनके बनाए सारे मिथक इससे टूटे थे। तभी जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी तो कह दिया गया कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के लिए जो आधिकारिक बंगला बनाया है उसमें भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता नहीं रहेंगी। भाजपा ने लंबे समय के लिए शीशमहल को मुद्दा बनाए रखने के मकसद से यह फैसला किया।
अब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को राजनिवास मार्ग पर दो बड़े बंगले आवंटित हुए हैं। अगल बगल के इन दो बंगलों को जोड़ कर मुख्यमंत्री का कैम्प कार्यालय और आवास बनाया जा रहा है। इसकी साज सज्जा का काम शुरू हुआ तो एक बड़ा कार्यक्रम रखा गया। पूजा की गई। मुख्यमंत्री का पूरा परिवार इसमें शामिल हुआ और साथ ही उप राज्यपाल भी शामिल हुए। अगले तीन महीने में बंगला बन कर तैयार होगा और नवरात्रों के समय मुख्यमंत्री उसमें शिफ्ट होंगी। इन दोनों बंगलों की साज सज्जा पर भी करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। इनमें 24 एसी लगने वाले हैं और फोर के रिजोल्यूशन वाले पांच बड़े टेलीविजन सेट से लेकर नए टाइल्स, परदे आदि के ऑर्डर हुए हैं। इन दो बंगलों में से मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय को जन सेवा सदन नाम दे दिया गया है। यानी केजरीवाल ने करोड़ों रुपए खर्च करके जो कैम्प कार्यालय और आवास बनवाया वह शीशमहल है और रेखा गुप्ता को बनवाएंगी वह जन सेवा सदन है। इतने भर से करोड़ों रुपए का खर्च जस्टिफाई हो जाएगा।