प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कूटनीति किसी फिल्मी कहानी की तरह हो गई है। फिल्मों में ऐसी कहानी होती है, जिसमें जिगरी दोस्त एक दूसरे के लिए जान देने को तैयार रहते हैं और फिर दोनों में दुश्मनी हो जाती है और फिर अंत में दोनों दोस्त बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है। ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ के बाद कहानी ‘तू कौन है बे’ तक पहुंची और अब फिर जन्म जन्मांतर की दोस्ती के दावे हैं। अब सवाल है कि इसके आगे क्या? राष्ट्रपति ट्रंप ने दोस्ती दिखाई तो मोदी ने कहा कि जैसे को तैसा यानी हम भी दोस्ती के लिए तैयार हैं। लेकिन मोदी अमेरिका नहीं जा रहे हैं।
अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा की बैठक में हिस्सा लेने अमेरिका जाते तो हो सकता था कि राष्ट्रपति ट्रंप से उनकी मुलाकात होती। लेकिन भारत ने तय किया है कि प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका जाएंगे और महासभा में भाषण करेंगे। तभी सवाल है कि मोदी और ट्रंप की कहानी जहां पहुंची है वहां से आगे कैसे बढ़ेगी? कहा जा रहा है कि दोनों की टेलीफोन पर बात है सकती है। अगर बात हो गई तो बर्फ पिघल जाएगी। तब क्या ट्रंप क्वाड सम्मेलन के लिए अगले महीने भारत आएंगे? उनको भारत आना था लेकिन विवाद की वजह से इसे टाल दिया गया था।
टेलीफोन पर वार्ता का अगला चरण उनकी भारत यात्रा तय होना है। इसके बाद इसके बीच में व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका की टीम के भारत आने का फैसला हो सकता है। अगर दोनों के बीच व्यापार वार्ता बहाल हो जाती है तब भी दोनों के संबंधों की दिशा सही हो जाएगी। लेकिन उसमें ध्यान रखना होगा कि ट्रंप के व्यापारिक सलाहकार पीटर नवारे और मागा समर्थकों की उनकी टीम पूरी प्रक्रिया को पटरी से उतारने वाले बयान बंद करें।