वक्फ संशोधन बिल पर सरकार का साथ देने वाले एनडीए के घटक दलों ने अंदाजा नहीं लगाया था उनके खिलाफ इतनी तीखी प्रतिक्रिया होगी। तभी जब पार्टियों के नेताओं ने इस्तीफा देना शुरू किया तो क्षत्रपों के हाथ पांव फूले।
राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने ईद के मौके पर सड़क पर नमाज पढ़ने से रोकने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के ऐलान की निंदा की थी। लेकिन वक्फ बोर्ड पर उन्होंने सरकार का साथ दिया तो उनकी पार्टी के रूहेलखंड के प्रभारी उपाध्यक्ष शहशाद अंसारी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ दी। उनकी पार्टी के महासचिव शाहजेब रिजवी ने भी पार्टी छोड़ दी। डैमेज कंट्रोल का कोई भी प्रयास काम नहीं आ रहा है। उधर बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के एक दर्जन से ज्यादा नेता जनता दल यू छोड़ चुके।
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बीजेडी में बिल पर मतभेद, सस्मित पात्रा पर गिरी गाज
ओडिशा की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल ने तो डैमेज कंट्रोल के चक्कर में राज्यसभा के अपने नेता सस्मित पात्रा को ही सूली पर टांगने का दांव चल दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी के प्रमुख नवीन पटनायक का स्पष्ट संदेश था कि बिल का विरोध करना है और बिल के खिलाफ वोट करना है।
लेकिन ऐन मौके पर उच्च सदन में पार्टी के नेता सस्मित पात्रा ने व्हिप जारी करने की बजाय अंतररात्मा के आधार पर वोट देने की बात कह दी। पार्टी के इकलौते मुस्लिम राज्यसभा सांसद मुजीबुल खान नाराज हैं। पार्टी के प्रदेश स्तर के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है।
नवीन पटनायक खुद नेताओं को मनाने में लगे हैं। उधर चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी भी मुस्लिम नेताओं को मनाने में लगे हैं।
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