पूरे देश में विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से फर्जी वोटर बनवाए जा रहे हैं और असली मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। बिहार में मतदाता सूची से विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध इस आधार पर किया गया कि चुनाव आयोग ने योग्य मतदाताओं के नाम काट दिए हैं। पूरे देश में एसआईआर का विरोध इसी आधार पर किया जा रहा है। महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक तक राहुल गांधी ने फर्जी मतदाताओं से वोट करा कर भाजपा को जिताने का आरोप लगाया है। लेकिन पश्चिम बंगाल में उलटी गंगा बह रही है। हालांकि वहां भी ममता बनर्जी एसआईआर का विरोध कर रही हैं लेकिन भाजपा वहां आरोप लगा रही है ममता बनर्जी फर्जी मतदाता बनवा रही हैं। सोचें, जो आरोप देश भर में भाजपा पर लग रहे हैं वह आरोप बंगाल में भाजपा ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस पर लगा रही है। भाजपा का कहना है की सीमावर्ती जिलों में ममता फर्जी मतदाता बनवा रही हैं। सीमावर्ती जिला कहने का मतलब है कि ममता फर्जी मुस्लिम मतदाता बनवा रही हैं। इस तरह से भाजपा एक सांप्रदायिक नैरेटिव बनाना चाहती है। लेकिन इससे उसकी असहायता भी दिख रही है। असल में जिस दिन से बिहार में एसआईआर की घोषणा हुई उसी दिन से ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं को इस काम में लगा रखा है कि वे मतदाता सूची चेक करें और किसी का नाम नहीं कटने दें। सभी लोगों के लिए दस्तावेजों का बंदोबस्त किया जा रहा है और चुनाव आयोग के संक्षिप्त पुनरीक्षण में नए नाम जुड़वाए गए हैं।


