pawan kalyan : आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने परिसीमन के मसले पर एक संदेश दिया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनका संदेश भाजपा के लिए है या मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के लिए है।
संदेश अधूरा रहे और छिपा हुआ रहे इसलिए पवन कल्याण ने एक ड्रामा रचा। वे चूंकि फिल्मी हस्ती हैं तो यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है।
उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बुलावे पर अपना एक प्रतिनिधि चेन्नई भेज भी दिया और फिर उसको विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल होने से रोक भी दिया।
इस तरह उन्होंने यह संदेश तो दिया है कि वे समय आने पर स्वतंत्र राजनीति भी कर सकते हैं। (pawan kalyan)
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पवन कल्याण की पार्टी एनडीए का हिस्सा (pawan kalyan)
असल में स्टालिन ने 22 मार्च को केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित परिसीमन पर विचार करने के लिए सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी।
इसमें हिस्सा लेने के लिए पवन कल्याण की पार्टी के सांसद टी उदय श्रीनिवास शुक्रवार, 21 मार्च को चेन्नई पहुंच गए। चेन्नई हवाईअड्डे पर डीएमके सांसदों विल्सन और किरिराजन ने श्रीनिवास का स्वागत किया। (pawan kalyan)
यह बहुत हैरान करने वाली बात थी क्योंकि पवन कल्याण की पार्टी एनडीए का हिस्सा है और केंद्र की एनडीए सरकार की ओर से प्रस्तावित परिसीमन के खिलाफ बैठक होने वाली थी। फिर भी उन्होंने बैठक का समर्थन करते हुए अपना प्रतिनिधि भेजा।
लेकिन अगले दिन 22 मार्च की बैठक से उनका सांसद नदारद रहा। कहा जा रहा है कि पवन कल्याण ने ही अपने प्रतिनिधि को बैठक में शामिल होने से रोक दिया। (pawan kalyan)
उनका मकसद सिर्फ यह दिखाना था कि वे स्वतंत्र राजनीति भी कर सकते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आंध्र प्रदेश में और एनडीए नेतृत्व में इसकी क्या प्रतिक्रिया होती है।