Flood

  • प्रकृति गुस्सा दिखा रही है

    हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और फिर जम्मू-कश्मीर, पंजाब व हरियाणा में लगातार हो रही भारी बारिश के कहर ने भयावह दृश्य दिखाए है। पहाड़ का सरकना, भूस्खलन का फैलना, सैलाब का आचानक उफनना और डूबते-बहते घरों का दिखना भी आमजन देख रहा हैं। जानमाल की हानि के अलावा जो जनजीवन का नुकसान हो रहा है उससे निपटने में बरसों लग सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसका कारण विकास की अंधाधुंध नीतियां हैं। देश भर में मानसून का कहर आमजन पर बरस रहा है। पहाड़ों पर बादल फट रहे हैं। तो जमीन पर नदियां उफान पर हैं। शानदार बारिश भी होती है...

  • बाढ़ और बारिश से राहत नहीं

    नई दिल्ली। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ का कहर झेल रहे राज्यों में राहत नहीं मिल रही है। पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और हरियाणा में बाढ़  और बारिश से राहत नहीं मिल रही है। शनिवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में दोपहर बाद तेज बारिश हुई। राजसमंद के रिछेड़ क्षेत्र में तेज बारिश से नेशनल हाईवे 162, जो   राजसमंद को जोधपुर से जोड़ता है उसका बड़ा हिस्सा बह गया। उदयपुर में आयड़ नदी का पानी कई कॉलोनियों में घुस गया। राजधानी दिल्ली में यमुना का पानी कम हुआ है फिर भी शनिवार को भी...

  • पहाड़ से मैदान तक बारिश से तबाही

    नई दिल्ली। देश के उत्तरी हिस्से के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के साथ साथ समूचे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी बारिश व बाढ़ से भारी तबाही मची है। पंजाब से लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जनजीवन अस्तव्य़स्त है। जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू श्रीनगर नेशनल हा ईवे सहित सभी सड़कें बह गईं या टूट गईं। इससे घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी सैकड़ों सड़कें बंद हैं। दिल्ली और एनसीएआर में लगातार बारिश के कारण...

  • दिल्ली में बारिश से बिगड़े हालात

    नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। बुधवार को हुई तेज बारिश से दिल्ली की कई सड़कें डूब गईं। महानगर के कई निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को जरूरी सामान लेकर वहां से निकलना पड़ा है। एनसीआर के गाजियाबाद में तो एक मंजिल तक के मकान डूब गए। गुरुग्राम में लगातार दूसरे दिन स्थिति बिगड़ी रही। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर साढ़े तीन सौ से ज्यादा उड़ानें बारिश की वजह से प्रभावित हुईं। दिल्ली के साथ साथ समूचे उत्तर भारत में बारिश की वजह से हालात खराब हैं।...

  • उत्तराखंड, हिमाचल में बड़ी तबाही

    देहरादून/शिमला। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से बड़ी तबाही मची है। कई जगह भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। केरल व ओडिशा सहित देश के कुछ और हिस्सों में भी मानसून की बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है लेकिन इन दो राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं। भारी बारिश और खराब मौसम की वजह से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अगले 24 घंटे के लिए रोक दी गई है। यात्रियों को हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर में ही रोकने के आदेश दिए गए हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री मार्ग पर बादल...

  • भारी बारिश से देश भर में बिगड़े हालात

    नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम मानसून अब लगभग पूरे देश में पहुंच गया और लगातार मानसून की बारिश हो रही है। इससे देश भर में हालात बिगड़े हैं। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन से एनएचपीसी के एक प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ। बुधवार को कई मजदूरों के बह जाने की खबर आई थी। एक दिन बाद गुरुवार को चार शव बरामद हुए। उधर गुजरात में सूरत, वडोदरा सहित कई इलाकों में बारिश से तबाही मची है। गुरुवार को अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर करीब 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिसमें कई एंबुलेंस भी फंसी थी। मध्य प्रदेश के कई जिलों में...

  • भारी बारिश से तबाही

    शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से जल प्रलय के हालात लग रहे हैं। लगातार हो रही तेज बारिश से कई इलाकों में नदियां उफन रही हैं। धर्मशाला में एक पनबिजली परियोजना में काम करने वाले 20 से 25 मजदूर एक स्थानीय नदी के तेज बहाव में बह गए हैं। देर शाम तक दो लोगों के शव बरामद हुए। उधर कसोल में तेज बारिश की वजह से अनेक गाड़ियां नदी में बह गईं। कुछ पर्यटकों के भी लापता होने की खबर है। उत्तराखंड में भी बारिश  से तबाही मची है तो उधर भूस्खलन की वजह से जम्मू और...

  • गुजरात में बारिश से बाढ़ जैसे हालात

    नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली को छोड़ कर मानसून देश के हर हिस्से में पहुंच गया। मंगलवार को मानसून की एंट्री हरियाणा में भी हो गई। दिल्ली को छोड़ कर देश के लगभग सभी हिस्सों में खूब बारिश हो रही है। गुजरात में पिछले तीन दिन से तेज बारिश हो रही है। सूरत में 24 घंटे में 10 इंच बारिश हुई है। इससे शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। अधिकतर सड़कों पर पानी भर गया है। शहर के स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। लगातार बारिश से दो स्टेट हाईवे में जलभराव हो गया है।...

  • बारिश से कई राज्यों में नदियां उफान पर

    नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिमी मानसून की बारिश देश के कई हिस्सों में जारी है। लगातार हो रही बारिश से राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और झारखंड सहित कई राज्यों में नदियां उफान पर हैं और जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ है। मध्य प्रदेश के गुना जिले के फतेहगढ़ में कोहन नदी में ट्रैक्टर ट्रॉली बह जाने से तीन युवकों की मौत हो गई। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में पालकी हॉल से एम्बुलेंस गेट तक निर्मित टनल परिसर की छत का पीओपी रविवार सुबह आठ बजे अचानक गिर गया। कुछ दिन से टनल परिसर की छत से पानी का रिसाव हो रहा...

  • दक्षिण सूडान में बाढ़ से लगभग 9 लाख लोग प्रभावित

    जुबा। संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने बताया कि दक्षिण सूडान में बाढ़ (Flood) से 8 लाख 90 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। विनाशकारी बाढ़ से निपटने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी ने शुक्रवार को दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में जारी एक अपडेट रिपोर्ट में कहा कि बाढ़ के कारण अब तक 42 जिलों और अबेई में लगभग 2 लाख 26 हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं। ओसीएचए के हवाले से कहा कि दक्षिण सूडान अभूतपूर्व बाढ़ का सामना कर रहा है। पूर्वानुमानों में औसत से ज्यादा...

  • नेपाल में बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही, अबतक 170 की मौत

    काठमांडू। नेपाल (Nepal) के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से करीब 170 लोगों की मौत हो चुकी है। द हिमालयन टाइम्स के मुताबिक गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने विभिन्न जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से मची तबाही की जानकारी साझा की। मंत्रालय ने रविवार को यह पुष्टि की कि इन आपदाओं में 111 लोग घायल हुए हैं, जबकि लगभग 4,000 लोगों को बचाया गया है। द हिमालयन टाइम्स (The Himalayan Times) ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के साथ बचाव और राहत कार्यों समेत तलाशी अभियान में तेजी...

  • म्यांमार में बाढ़ से 113 लोगों की मौत, 64 लापता

    यांगून। म्यांमार (Myanmar) में व्यापक बाढ़ (Flood) के कारण 113 लोगों की मौत हो गई है और 64 लापता हैं। म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने यह जानकारी दी है। बाढ़ ने ने-पी-ता, काया राज्य, कायिन राज्य, बागो, मैगवे, मांडले इलाकों समेत मोन और शान राज्य तथा अयेयारवाडी क्षेत्र को प्रभावित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 सितंबर की शाम तक 72,900 से अधिक घर और 78,000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं, जिससे देश भर में 320,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय गृह में पनाह लेनी पड़ी।  Also Read : कब है अनंत...

  • बारिस हो गर्मी हो, हर समय संकट

    आज़ादी मिलने से आज तक खरबों रुपया जल प्रबंधन के नाम पर ख़र्च हो गया पर वर्षा के जल का संचय हम आज तक नहीं कर पाए। हमारे देश में वर्ष भर में बरसने वाले जल का कुल 8 फ़ीसद का ही संचयन हो पाता है। बाक़ी 92 फ़ीसद वर्षा का शुद्ध जल बह कर समुद्र में मिल जाता है। जिसका परिणाम यह होता है कि गर्मी की शुरुआत होते ही देश में जल संकट शुरू हो जाता है। देश के ज़्यादातर हिस्से में भारी वर्षा ने हालात बेक़ाबू हैं और समाधान दिखाई नहीं देता। कई बाँधों में जल का...

  • दिल्ली एक जीता जागता नर्क है

    जिन लोगों को स्वर्ग और नर्क की अवधारणा में यकीन है या जिन लोगों ने गरुड़पुराण पढ़ा या सुना है उनको पता होगा कि नर्क कैसा होता है। वहां मवाद और खून की नदियां बहती हैं, खाने और पीने को कुछ नहीं मिलता है, विशाल आकार के दूत कोड़े और मुगदर से मारते हैं, कहीं आग से जलाया जाता है तो कहीं खौलते तेल की कड़ाही में डाल दिया जाता है आदि आदि। अगर सचमुच धरती से 99 सहस्त्र योजन दूर स्थित नर्क ऐसा ही है तो उसे देखने के लिए वहां जाने की कोई जरुरत नहीं है। दिल्ली के...

  • यह कैसा विकास जो सभी तरह डुबो रहा!

    आखिर कौन विकास के मौजूदा बुलट ट्रेन समय में विचार व विवेक के समभाव की पदयात्रा कर सकता है? राज्यों के जन, और उनके जनसेवक अगर स्थानीय विकास पर जोर देते तो भारत कभी से विकसित राष्ट्र हुआ होता। समाज को ही एकजुट होकर संपोषणीय विकास या सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए आगे आना होगा। क्योंकि जीव परिस्थिति की समझ तो वहां जीने-बसने वालों से ही बनती है। असल विकास भी भविष्य में होने वाले जमीन या जलवायु परिवर्तन को जान-समझ कर ही किया जा सकता है। देश में जगह-जगह इकोलॉजी या जीव-पारिस्थितिकी की आपदा बढ़ती जा रही हैं। वायनाड और...

  • कई राज्यों में बारिश से बाढ़ के हालात

    नई दिल्ली। उतर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और महाराष्ट्र से गुजरात तक लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। हर जगह इमारत गिरने, जल जमाव से जीवन अस्तव्यस्त होने और लोगों के मरने की खबर है। उत्तर प्रदेश में तेज बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित लखीमपुर खीरी है। वहां पांच तहसीलों के साढ़े तीन सौ गांवों में पानी घुस गया है। शनिवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते चार लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड के नई टिहरी में भूस्खलन से एक...

  • कई राज्यों में बारिश से बिगड़े हालात

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में मानसून की भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में पिछले 24 घंटे में 11 लोगों की मौत हो गई है। आपदा राहत विभाग के मुताबिक शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक पांच लोग डूब गए और पांच लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई। जबकि एक की मौत सांप काटने से हो गई। उधर महाराष्ट्र और गुजरात में बारिश की दौर जारी है। गुजरात के सौराष्ट्र में शनिवार को हुई भारी बारिश के...

  • यूपी से कर्नाटक तक बारिश, बाढ़ का कहर

    नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश से कई राज्यों में बाढ़ के हालात बन गए हैं और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। उत्तर से दक्षिण तक कई राज्यों में ऐसे हालात हैं। नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में बाढ़ के हालात लगातार बने हुए हैं। वहां तीन नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। राप्ती नदी, बूढ़ी राप्ती और क्यूनो नदी के उफान पर होने के कारण गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर और गोंडा में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर गंगा में डूब गया है। पिछले 24 घंटे में बारिश से...

  • कई राज्यों में बारिश से हाल बेहाल

    नई दिल्ली। उत्तर भारत और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बारिश से हाल बेहाल है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बारिश, बाढ़ और बिजली गिरने से पिछले 24 घंटों के दौरान 56 लोगों की मौत हो गई है। अकेले उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश से जुड़े हादसे में 32 लोगों की जान गई है। राज्य के 12 जिलों के करीब आठ सौ गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव के काम में लगी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसका जायजा ले रहे हैं। उधर बिहार में...

  • योजनाओं का हो ‘सोशल ऑडिट’

    हर तरफ़ से तबाही के विचलित करने वाले दृश्यों को देख मन में यही सवाल उठा की इस साल मानसून की पहली बारिश से जो हाल हुआ है क्या उसै वास्तव में प्राकृतिक आपदा मानी जाए? क्या इस तबाही के पीछे इंसान का कोई हाथ नहीं? क्या भ्रष्ट सरकारी योजनाओं के चलते ऐसा नहीं हुआ? कब तक हम ऐसी तबाही को कुदरत का क़हर मानेंगे? कई दशकों पहले देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह बात स्वीकार की थी कि जनता के विकास के लिए आवंटित धनराशि का जो प्रत्येक 100 रूपया दिल्ली से जाता है, वह जमीन...

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