Jharkhand Election

  • मोदी ने झारखंड में किया प्रचार का आगाज

    रांची/जमशेदपुर। झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा अगले महीने होगी लेकिन उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रचार का आगाज कर दिया। उन्होंने जमशेदपुर में पार्टी की ओर से आयोजित परिवर्तन रैली को संबोधित किया और राज्य में सरकार चला रहे गठबंधन की तीनों पार्टियों जेएमएम, कांग्रेस और राजद पर बड़ा हमला किया। प्रधानमंत्री ने इन तीनों पार्टियों को झारखंड का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- झारखंड के तीन दुश्मन हैं, जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी। राजद तो अलग झारखंड बनने के बाद से ही बदला ले रही है। वहीं कांग्रेस को झारखंड से नफरत है।...

  • झारखंड में आसान नहीं सीट बंटवारा

    झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार, तीन अगस्त को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की। वे नई दिल्ली के गोल मार्केट में बने नए झारखंड भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में थे। उस कार्यक्रम में जेएमएम, कांग्रेस और राजद तीनों के नेताओं की मौजूदगी थी, जिससे यह संदेश गया कि गठबंधन के अंदर कोई समस्या नहीं है। परंतु तीनों पार्टियों के नेता मान रहे हैं कि सैद्धांतिक रूप से साथ होने के बावजूद सीट बंटवारे में समस्या आएगी। इसका कारण यह है कि सरकार...

  • भाजपा के गठबंधन में ज्यादा समस्या

    अगर झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम, राजद और लेफ्ट के गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर समस्या हो रही है तो दूसरी ओर एनडीए की सहयोगी पार्टियों में भी कम समस्या नहीं है। भाजपा, आजसू, जदयू और लोजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर ज्यादा समस्या दिख रही है। पता नहीं आगे क्या होगा लेकिन चुनाव की घोषणा से पहले जनता दल यू और लोक जनशक्ति पार्टी ने भाजपा पर दबाव बना दिया है। लोजपा के नेता चिराग पासवान की बड़ी महत्वाकांक्षा है। उन्होंने अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार रांची में कराया, जहां वे दूसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने...

  • झारखंड में चुनाव में क्यों देरी?

    झारखंड में भी भाजपा थोड़ा समय चाहती थी। इसका कारण यह है कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा को ऐसी फीडबैक मिली है कि राज्य में उसकी स्थिति सुधर रही है और झारखंड मुक्ति मोर्चा की जो स्थिति पहले थी वह कमजोर हो रही है। भाजपा में माना जा रहा है कि जेल से छूटते ही हेमंत सोरेन ने जिस तरह से चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाया और खुद मुख्यमंत्री बने गए उससे एक खास इलाके के आदिवासियों में नाराजगी है। दूसरे, उनके जेल में रहने से उनके प्रति जो सहानुभूति का भाव था वह कम हुआ है।...