जागों, गर्मी हमलावर है !
आसमान धधक रहा है। नीले, हरे, सफेद, भूरे- प्रकृति के सभी हसंते-खिलखिलाते विविध रंग रूआंसे हैं। अल सुबह 6 बजे ही मुझे घर के पर्दे खींचने पड़ते हैं क्योंकि उस समय भी सूरज के तेवर दोपहर जितने तीखे हो जाते हैं। हवा को जैसे बुखार चढ़ा हुआ है और मुझे महसूस होता है मानों मुझे बुखार हो। जहां एयर कंडीशनर ठंडक नहीं दे पा रहे हैं वही पंखे झुलसाने वाली गर्म हवा फेंक रहे हैं। हर कोने से, हर दिशा से गर्मी हमलावर है। घर के अंदर भी ऐसा महसूस हो रहा है कि मानों हम खुले में हैं। साथ...