यह कमाल सिर्फ भारत में हो सकता है और वह भी प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ही कर सकती है। इस साल मेडिकल दाखिले के लिए हुई नीट यूजी की परीक्षा में किसी को भी सौ फीसदी अंक हासिल नहीं हुए। सौ फीसदी का मतलब होता है कि 720 अंक की परीक्षा में 720 अंक हासिल होना। इस साल किसी छात्र को सात सौ अंक भी नहीं मिले हैं। सोचें, सारी प्रतिभाएं कहां चली गईं? पिछले साल यानी नीट यूजी 2024 की परीक्षा में 67 छात्रों को सौ फीसदी यानी 720 अंक आ गए थे।
पिछले साल की परीक्षा में कई जगह प्रश्नपत्र लीक होने और परीक्षा केंद्रों पर धांधली की खबरें आईं तो कई जगह दोबारा परीक्षा हुई तब जाकर सौ फीसदी अंक पाने वालों की संख्या कुछ कम हुई। असल में हंगामे का कारण यह था कि उससे पहले यानी 2023 में सिर्फ दो छात्रों को सौ फीसदी अंक मिले थे, जो एक साल में बढ कर 67 हो गए। ऐसा लग रहा है कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी को लगा कि ज्यादा सौ फीसदी अंक होने पर हंगामा और विवाद होता है इसलिए अंक कम कर दो या औसत अंक देकर नतीजे निकालो। इसी की नतीजा लग रहा है कि इस साल किसी को सौ फीसदी अंक नहीं आए और यहां तक कि सात सौ अंक भी किसी को नहीं मिले। इसके लिए एक प्रयास तो यह किया गया था कि सवाल बहुत सख्त कर दिए गए थे। बाद में औसत मार्किंग भी हुई होगी तभी नतीजे ऐसे आए हैं। सवाल है कि क्या इससे एनटीए की साख बहाल हो जाएगी और इतनी अहम परीक्षा की शुचिता पर सवाल नहीं उठेगा?