दुश्चक्र में फंसा फ्रांस
राजनीति से जब रोजी-रोटी समेत रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े अन्य मुद्दों को गायब किया जाता है, तो उसका क्या नतीजा होता है, फिलहाल फ्रांस उसका एक खास उदाहरण बना हुआ है। फ्रांस लंबे समय तक अपनी जन-कल्याणकारी व्यवस्था और आधुनिक लिबरल उसूलों के लिए जाना जाता रहा। लेकिन कुछ समय पहले वहां के राजनीतिक विमर्श में सांप्रदायिक और नस्लवादी मुद्दों को महत्त्व देने की जो होड़ लगी, उसने वहां के समाज की हालत तीसरी दुनिया के किसी देश की तरह बना दी है। पेरिस के एक उपनगर में 17 साल के लड़के की पुलिस की गोली से हुई मौत...