Tuesday

08-07-2025 Vol 19

बेबाक विचार

Main Stories, बेबाक विचार, editorial news from india’s best writer and journalists.

क्या हुआ और क्या ढिंढोरा पीटा गया?

क्या हुआ और क्या ढिंढोरा पीटा गया?

निसंदेह मोदी सरकार ने अपनी पार्टी की ओर से किए गए कुछ वादों को पूरा किया है। जैसे जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला।
जलवायु परिवर्तन की मार

जलवायु परिवर्तन की मार

जलवायु परिवर्तन का असर अब दुनिया पर इतनी तेजी से दिखने लगा है कि ऐसी आपदाएं अब आम खबर जैसी हो गई हैं।
ये कैसा डेमोग्राफिक डिविडेंड?

ये कैसा डेमोग्राफिक डिविडेंड?

यह आम निष्कर्ष रहा कि आधे से ज्यादा बच्चे अपनी क्लास से दो क्लास नीचे के टेक्स्ट ठीक से नहीं पढ़ पाते।
मजबूत कांग्रेस किसी को पसंद नहीं

मजबूत कांग्रेस किसी को पसंद नहीं

राहुल गांधी के नेतृत्व में हो रही भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस मजबूत हो रही है या ऐसे कह सकते हैं कि उसके कमजोर होने की प्रक्रिया थम गई...
सीमांतः भाजपा का चुनावी डंका

सीमांतः भाजपा का चुनावी डंका

उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में अगले माह चुनाव होनेवाले हैं।
सद्भावना का बुलबुला

सद्भावना का बुलबुला

अचानक यथार्थ से परिचित कोई नेता सद्भावना भरी बातें कह डालता है, लेकिन उसकी भावनाएं क्षणिक बुलबुला ही साबित होती हैं।
न्यायपालिका की साख बिगाड़ कर क्या मिलेगा?

न्यायपालिका की साख बिगाड़ कर क्या मिलेगा?

सवाल है कि सरकार उसकी साख क्यों खराब करना चाहती है? उससे क्या हासिल होगा? उलटे मौजूदा न्यायिक व्यवस्था में हर बड़े मसले पर सरकार को संरक्षण मिल रहा...
भाजपा की एतिहासिक भूमिका

भाजपा की एतिहासिक भूमिका

अबू धाबी में कई अरब शेखों से मिला और हमारी सभी पार्टियों व विचारधाराओं के लोगों से मेरा खुला संवाद हुआ।
विज्ञान की बड़ी सफलता

विज्ञान की बड़ी सफलता

भारत में हर साल सैकड़ों लोग बिजली गिरने से मर जाते हैं। पिछले साल आई खबरों के मुताबिक इस कारण नौ सौ से अधिक मौतें हुईं।
कोई राह निकलेगी?

कोई राह निकलेगी?

स्विट्जरलैंड के दावोस में हर साल होने वाला 'वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम' एक महत्त्वपूर्ण आयोजन है, जिसकी चर्चाएं अक्सर सुर्खियों में रहती हैं।
ये सीधा प्रहार है

ये सीधा प्रहार है

केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजुजू का कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि की भागीदारी के लिए सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखना न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार माना जाएगा।
रिमोट ईवीएम से संदेह और बढ़ेगा

रिमोट ईवीएम से संदेह और बढ़ेगा

देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां चुनाव की शुचिता पर सवाल उठा रही हैं।
शरीफः प्रधानमंत्री या प्रधानभिक्षु?

शरीफः प्रधानमंत्री या प्रधानभिक्षु?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ आजकल प्रधानमंत्री कम, प्रधानभिक्षु बनकर देश-विदेश के चक्कर लगा रहे हैं।
इसका उपाय क्या है?

इसका उपाय क्या है?

सवाल यह चर्चित रहा है कि जिस समय सीमा पर तनाव बढ़ता चला गया है, उस समय आखिर व्यापार संबंध और प्रगाढ़ होने को कैसे स्वीकार किया जा सकता...
अब प्रश्न औचित्य का

अब प्रश्न औचित्य का

नदी में पानी आता है, तो सबकी नाव ऊंची होती है- यह कहावत अक्सर नव-उदारवादी अर्थव्यवस्था के औचित्य को सही ठहराने के लिए कही जाती है।
फीलगुड का साल हो सकता है 2023

फीलगुड का साल हो सकता है 2023

नया साल देश के नागरिकों के लिए फीलगुड का साल हो सकता है। सोचें, सारी दुनिया आर्थिक मंदी की चिंता में है।
भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है।
ये कारगर उपाय है?

ये कारगर उपाय है?

भारत सरकार कश्मीर में हजारों ग्रामीणों को हथियारबंद करने की योजना पर फिर अमल कर रही है।
‘हाथ’ से जुड़ेंगे हाथ?

‘हाथ’ से जुड़ेंगे हाथ?

कांग्रेस के नजरिए से यह अच्छी बात है कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही संगठन को सक्रिय रखने की योजना पार्टी नेतृत्व ने घोषित कर दी है।
ताकि हिंदू मूल (मूल ढांचा) गंवा एनिमल फार्म की भेड़-बकरी बने!

ताकि हिंदू मूल (मूल ढांचा) गंवा एनिमल फार्म की भेड़-बकरी बने!

इन दिनों भारत (हिंदुओं) को जानवरों का बाड़ा बनाने के कई प्रयास हैं! सर्वोपरि नंबर एक कोशिश मनुष्य दिमाग को ठूंठ बनाना है।
नफरती बयानों पर तुरंत रोक लगे

नफरती बयानों पर तुरंत रोक लगे

सर्वोच्च न्यायालय का सरकार से यह आग्रह बिल्कुल उचित है कि नफरती बयानों पर रोक लगाने के लिए वह तुरंत कानून बनाए।
जोशीमठवासियों की पीड़ा हम सबकी पीड़ा

जोशीमठवासियों की पीड़ा हम सबकी पीड़ा

पर्यावरण-जरूरत यह है कि सरकार समूचे हिमालय क्षेत्र की चिंता के लिए खास दीर्घकालीन योजना बनाए।
भारत चुप क्यों बैठा है?

भारत चुप क्यों बैठा है?

पाकिस्तान के आजकल जैसे हालात हैं, मेरी याददाश्त में भारत या हमारे पड़ौसी देशों में ऐसे हाल न मैंने कभी देखे और न ही सुने।
उफ! हाशिए का असल भी खौफनाक!

उफ! हाशिए का असल भी खौफनाक!

मैं बार-बार सोचता हूं कि इस बार गपशप अलग हो। मतलब भारत दुर्दशा को छूने वाली नहीं। उसमें मोदी, उनकी सरकार, हिंदूशाही का जिक्र नहीं आए।
शरद यादवः मंडल के पितामह!

शरद यादवः मंडल के पितामह!

दिवगंत आत्मा को श्रद्धांजलि में यह ग्लानि दिल-दिमाग को छलनी कर दे रही है कि कैसे उनके सादे सहज-सरल परिवार को धैर्य बंधाऊं। कैसे शरदजी को याद करूं?
मुख्यधारा और पूर्वोतर के छोटे प्रदेश

मुख्यधारा और पूर्वोतर के छोटे प्रदेश

फरवरी में त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव हैं। इनकी राजनीति और नतीजों का मुद्दा महत्व का नहीं है।
संविधान ब्रह्मवाक्य नहीं है

संविधान ब्रह्मवाक्य नहीं है

संविधान इतना लचीला है कि पिछले सात दशकों में उसमें लगभग सवा सौ संशोधन हो चुके हैं। इसीलिए इतने उत्थान-पतन के बावजूद वह अभी तक टिका हुआ है लेकिन...
हाशिए के मुद्दे आगे बहुत सताएंगे।

हाशिए के मुद्दे आगे बहुत सताएंगे।

भारत के सामाजिक, राजनीतिक विमर्श में पहाड़, नदी, हवा, पानी, जंगल, पर्यावरण, जलवायु आदि की चर्चा नहीं के बराबर होती है।
जटिल समस्या, कठिन समाधान

जटिल समस्या, कठिन समाधान

उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद खबर है कि कर्णप्रयाग में भी कई मकानों में दरार आ गई है।
भड़की भावनाओं का टकराव

भड़की भावनाओं का टकराव

जब किसी देश या समाज में ‘भावनाएं’ राजनीति और संस्कृति के केंद्र में आ जाती हैं, तो उसका क्या नतीजा होता है, इसकी एक ताजा मिसाल झारखंड में देखने...
मजबूत हो रही हैं क्षेत्रीय पार्टियां

मजबूत हो रही हैं क्षेत्रीय पार्टियां

ओड़िशा में बीजू जनता दल ने स्थापना के 25 साल पूरे किए हैं तो पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के 25 साल पूरे हुए हैं।
जज नियुक्ति में सरकार व संसद की भूमिका न हो

जज नियुक्ति में सरकार व संसद की भूमिका न हो

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय न्यायपालिका को दो-टूक शब्दों में चुनौती दे दी है। वे संसद और विधानसभाओं के अध्यक्षों के 83 वें सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
चीन में कोरोना नियंत्रित?

चीन में कोरोना नियंत्रित?

निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि देश को फिर से खोलने से 17 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में फिर से जान आ सकती है
नेपाल से नई चुनौती

नेपाल से नई चुनौती

कम्युनिस्ट पार्टियों और कई अन्य दलों को एक मंच पर लाने के पीछे चीन की भी भूमिका रही है।
सरकारें कृपा नहीं कर रही पर अहसान जतला रही!

सरकारें कृपा नहीं कर रही पर अहसान जतला रही!

केंद्र सरकार देश के 81.35 करोड़ लोगों को पांच किलो मुफ्त अनाज देगी तो साथ साथ उनको यह भी बताएगी कि यह अनाज उनको किसकी कृपा से मिल रहा...
मुसलमानों पर मोहन भागवत

मुसलमानों पर मोहन भागवत

देश और विदेशों के कई बुद्धिजीवी यह महसूस करते हैं कि जब से मोदी सरकार कायम हुई है, भारत के मुसलमान बहुत डर गए हैं।
एक खतरा यह भी

एक खतरा यह भी

बेकार पानी को साफ करके पीने के पानी में बदलने वाले ट्रीटमेंट प्लांट एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) पैदा करने का बड़ा ठिकाना बन रहे हैं। इसकी वजह पानी में एंटीबायोटिक...
एकरूपता थोपने की जिद

एकरूपता थोपने की जिद

तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को जो हुआ, वह कतई अच्छा संकेत नहीं है। इस घटना से राज्यपालों की भूमिका एक बार फिर सवालों के घेरे में आई है।
चुनाव और यात्रा से बदलता विमर्श

चुनाव और यात्रा से बदलता विमर्श

लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा पूर्णता की ओर बढ़ रही है वैसे वैसे देश की राजनीति का...
हिंदी कैसे बने विश्वभाषा?

हिंदी कैसे बने विश्वभाषा?

हमारे भारतीय और विदेशी महापुरूषों और विद्वानों द्वारा हिंदी के बारे में जो कुछ कहा गया है, उसे संक्षेप में आपके लिए प्रस्तुत कर दूं। 
डिजिटल भारत की हकीकत

डिजिटल भारत की हकीकत

डिजिटल भारत का शोर हकीकत से दूर है। असल सूरत यह है कि भारत में इंटरनेट का प्रसार लगभग स्थिर हो गया है। और यह सूरत खुद सरकारी आंकड़ों...
लोकतंत्र का यह दौर!

लोकतंत्र का यह दौर!

यह लोकतंत्र का कैसा दौर है? समाजों में बढ़ते ध्रुवीकरण के साथ चुनाव नतीजों को सहजता से स्वीकार कर लेने का चलन कमजोर पड़ता जा रहा है।
विदेशी विश्वविद्यालयों का इतना हल्ला क्यों?

विदेशी विश्वविद्यालयों का इतना हल्ला क्यों?

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपना कैंपस खोलने की इजाजत देने के नियमों का एक मसौदा जारी किया है। इस मसौदे को लेकर ...
आरक्षण का आधार सिर्फ गरीबी हो

आरक्षण का आधार सिर्फ गरीबी हो

भोपाल में कर्णी सेना ने एक अपूर्व प्रदर्शन आयोजित किया और मांग की कि सरकारी नौकरियों, चुनावों और शिक्षण संस्थाओं में, जहां भी आरक्षण की व्यवस्था है, वहाँ सिर्फ...
चीन के दावे पर चिंता

चीन के दावे पर चिंता

अगर सचमुच चीन के शोधकर्ताओं ने दुनिया के किसी भी ऑनलाइन इन्क्रिप्शन (पासवर्ड) को भेदने की सक्षता हासिल कर ली है, उससे तमाम देशों का चिंतित होना लाजिमी है।
सार्वजनिक या निजी हित?

सार्वजनिक या निजी हित?

बीते हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी। ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 19,744 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
नया वर्षः वही जात, वही मंदिर!

नया वर्षः वही जात, वही मंदिर!

सन् 2023 का पहला सप्ताह। और सात दिनों की क्या सुर्खियां? बिहार में जाति जनगणना शुरू। दिल्ली के मेयर चुनाव में मारपीट, जन प्रतिनिधियों को खरीदती भाजपा। विदेशी विश्वविद्यालयों...
हमारा लोकतंत्र कैसे सुधरे?

हमारा लोकतंत्र कैसे सुधरे?

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। कई देशों में लोकतंत्र खत्म हुआ और तानाशाही आ गई लेकिन भारत का लोकतंत्र जस का तस बना हुआ है लेकिन...