Monday

12-05-2025 Vol 19

सोच समस्याग्रस्त है

31 Views

उप-राष्ट्रपति ने संसद को सर्वोच्च बताया है। यानी संसद कोई भी विधेयक पारित कर सकती है, जिसका न्यायिक परीक्षण नहीं होना चाहिए। इस तरह जगदीप धनखड़ ने अवरोध एवं संतुलन की संवैधानिक व्यवस्था को सिरे से नकारने की कोशिश की है।

न्यायपालिका पर हमले जारी रखते हुए उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अब ये विवादास्पद बात कही है कि भारतीय व्यवस्था में संसद सर्वोच्च है। इस तरह उन्होंने अवरोध एवं संतुलन की संवैधानिक व्यवस्था को सिरे से नकारने की कोशिश की है। धनखड़ के मुताबिक संसद के ऊपर सिर्फ मतदाता हैं, जो संसद का चुनाव करते हैं।

इस तर्क को आगे बढ़ाया जाए, तो उसका अर्थ निकलेगा कि निर्वाचित होने के बाद संसद कोई भी विधेयक पारित कर सकती है, जिनमें संविधान संशोधन बिल भी शामिल हैं। यह तर्क सीधे तौर पर संवैधानिक अदालतों के अस्तित्व को चुनौती है।

धनखड़ ने संसद को सर्वोच्च बताया

इसलिए कि संवैधानिक अदालतों (सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट) को संविधान ने संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या का अधिकार दिया है। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट को संसद से पारित विधेयकों के परीक्षण का अधिकार भी हासिल है। भारत में न्यायशास्त्र के विकास के साथ सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के बुनियादी ढांचे का सिद्धांत विकसित किया है।

इस ढांचे से हेरफेर करने वाले कानूनों को रद्द कर देने का अधिकार उसे हासिल है। फिर संविधान के अनुच्छेद 142 में प्रावधान है कि ‘न्याय को पूर्णता प्रदान करने के लिए’ सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी कर सकता है। यह आदेश सारे देश में लागू होगा। जहां तक सर्वोच्चता का सवाल है, तो भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में शक्तियों के अलगाव का सिद्धांत अपनाया गया है।

इसके तहत कोई राजकीय संस्था सर्वोच्च नहीं है। हर संस्था को ऐसे अधिकार हैं, जिससे वह अवरोध एवं संतुलन का दायित्व निभा सके। अवरोध एवं संतुलन की व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि हर संस्था संवैधानिक दायरे में काम करे। इस तरह अधिनायकवाद की प्रवृत्तियों पर नियंत्रण बना रहता है। उप-राष्ट्रपति खुद एक बड़े संवैधानिक पद पर हैं, जहां उनसे भी ऐसी भूमिका की अपेक्षा की जाती है। मगर हाल के भाषणों में उन्होंने ‘न्याय को पूर्णता प्रदान करने’ संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को चुनौती दी है और अब उन्होंने संसद की सर्वोच्चता का एलान किया है।

उनके इस नजरिए से राष्ट्रीय जनमत के एक बड़े हिस्से में कौतूहल देखा गया है। ये सवाल उठा है कि आखिर धनखड़ ऐसे दावे क्यों कर रहे हैं?

Also Read: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहलगाम में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

Pic Credit: ANI

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *