नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल के पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकवादियों की तलाश पिछले 11 दिन से चल रही है। शनिवार को सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली कि ये आतंकवादी श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जा रहे हैं। भारतीय एजेंसियों की सूचना के बाद श्रीलंका के बंडारानायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शनिवार को तलाशी अभियान चलाया गया। बताया गया था कि ये आतंकवादी किसी तरह से चेन्नई पहुंच गए और वहां से श्रीलंकन एयरलाइंस के विमान से कोलंबो गए हैं।
भारतीय एजेंसियों की सूचना के मुताबिक पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े छह संदिग्धों के चेन्नई से श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान से कोलंबो जाने की जानकारी मिली थी। एजेंसियों को इनके प्लेन में सवार होने की सूचना मिली थी। इसके बाद श्रीलंका के बंडारानायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शनिवार को बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। श्रीलंका पुलिस, वायु सेना और हवाईअड्डे की सुरक्षा करने वाली एजेंसियों ने मिल कर हवाईअड्डा परिसर में तलाशी अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि सभी यात्रियों की गहन जांच की जा रही है और संदिग्धों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
उधर जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले की जांच के दायरे पहले से ज्यादा बढ़ा दिया है। तलाशी अभियान को दक्षिण कश्मीर से आगे जम्मू के चेनाब और पीर पंजाल रेंज तक कर दिया है। इसमें पुंछ और राजौरी इलाके को भी शामिल किया गया है। इन इलाकों में तलाशी अभियान अब शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि आतंकी हमले के 11 दिन बाद संदिग्ध अब दक्षिण कश्मीर के अलावा दूसरे इलाकों में भी छुपे हो सकते हैं। इसलिए जांच और सर्च ऑपरेशन के दायरे को बढ़ाया गया है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि पहलगाम हमले से पहले ही भागने के रूट को प्लान कर लिया था। इस वजह से अभी तक आतंकियों की लोकेशन को ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पांच आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद पांचों आतंकवादी जंगल की ओर से भाग गए थे। अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
बहरहारल, पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के बड़े अधिकारियों को लेकर झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। कुछ खबरों में कहा गया कि जनरल डीएस राणा को हटाकर अंडमान भेजा गया, जबकि सच्चाई यह है कि उन्हें प्रमोट किया गया है। इसी तरह जनरल सुचिन्द्र कुमार और एयर मार्शल एसपी धरकर को लेकर भी गलत खबरें फैलाई गईं, जबकि दोनों तय समय पर सम्मान के साथ रिटायर हुए हैं। रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि ये सब अफवाहें हैं और देश की सेना पूरी तरह तैयार और मजबूत है।
उधर पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकवादी हमले से जुड़े मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने 75 लोगों को लोक सुरक्षा कानून यानी पीएसए के तहत गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। इस बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर और महाराष्ट्र के चंद्रपुर की हथियार फैक्टरी में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। प्रबंधन ने कर्मचारियों से कहा कि यह मुश्किल वक्त है, राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए काम नहीं रुकना चाहिए। माना जा रहा है कि युद्ध की तैयारियों के तहत ज्यादा मात्रा में गोला बारूद और हथियार बनाए जा रहे हैं।