Friday

27-06-2025 Vol 19

जस्टिस वर्मा पर एफआईआऱ क्यों नहीं हुई?

17 Views

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से नोटों के बंडल मिलने के मामले में एफआईआर क्यों नहीं दर्ज हुई? यह सवाल भारत के उप राष्ट्रपति बार बार पूछ रहे हैं और पिछले दिनों कार्मिक, विधि और न्याय मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में भी यह सवाल उठा। वहां भी सांसदों ने विधि सचिव से जानना चाहा कि जस्टिस वर्मा जो घटना के समय दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे, उनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई? सवाल है कि क्या किसी को पता नहीं है कि एफआईआर क्यों नहीं हुई? या सबको पता है फिर भी मुद्दे को बनाए रखने के लिए बार बार यह सवाल पूछा जा रहा है?

यह सामान्य ज्ञान का विषय है कि जस्टिस के वीरास्वामी केस में सुप्रीम कोर्ट ने कार्यरत जजों को एफआईआर से संरक्षण दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में यह आदेश दिया था कि किसी कार्यरत जज के खिलाफ एफआईआर से पहले सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। इसका मकसद यह था कि जजों को भयमुक्त होकर काम करने का माहौल उपलब्ध कराया जाए। सामान्य ज्ञान की यह बात सबको पता होगी तभी जस्टिस वर्मा के मामले में जस्टिस वीरास्वामी फैसले की समीक्षा की भी बात कही जा रही है। पिछले दिनों जस्टिस वर्मा के खिलाफ बनी तीन सदस्यों की जांच समिति की रिपोर्ट सामने आई। जिसमें जजों की पूछताछ में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नकदी मिलने की खबर सबसे पहले देश के गृह मंत्री अमित शाह को दी गई थी। उसके बाद चीफ जस्टिस को सूचना दी गई थी। सवाल है कि पुलिस को क्यों नहीं नियम के मुताबिक काम करने, नकदी जब्त करने और पंचनामा करने का आदेश दिया गया?

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *