nayaindia Loksabha election 2024 कांग्रेस में प्रभारी ही प्रभावशील

कांग्रेस में प्रभारी ही प्रभावशील

भोपालI कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व में प्रदेश के प्रभारी की दिल्ली में एक बैठक करके सीधे तौर पर कह दिया है कि वे 31 जनवरी तक सभी 29 लोकसभा क्षेत्र की एक विस्तृत रिपोर्ट दें जिसमें संभावित उम्मीदवारों का पैनल हो महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बैठक में प्रदेश के दिग्गज नेताओं को नहीं बुलाया गया था यहां तक की प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी उपस्थित नहीं थे इसे समझा जा सकता है कि अब कांग्रेस में उम्मीदवार चयन को प्रभारी के भरोसे छोड़ दिया गया है वे ही टिकट तय करेंगे।

दरअसल राजनीति में केंद्र और राज्य का पलड़ा समय कल उपस्थिति के अनुसार भारी और हल्का होता रहता है। इस समय दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में राष्ट्रीय नेतृत्व पावरफुल बनकर उभरा है और अब प्रदेश की राजनीति दिल्ली से ही दिशा का रही है भाजपा में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी चयन से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्रियों के चयन उनके विभागों के वितरण के बाद लोकसभा चुनाव के लिए भी राष्ट्रीय नेतृत्व में अपने निर्देशन में लड़ने की रणनीति बना ली है सभी 29 लोकसभा क्षेत्र को सात क्लस्टर में विभाजित कर दिया गया है और केंद्रीय नेतृत्व की निगरानी में प्रत्याशी चयन से लेकर पूरा चुनाव अभियान चलाया जाएगा।

बहरहाल कांग्रेस पार्टी में पिछले कई वर्षों से प्रदेश नेतृत्व में दिग्गजों का ऐसा जमाना रहा है की जिनके कोटे से विधानसभा और लोकसभा के टिकट तय होते आए हैं स्वर्गीय माधवराव सिंधिया अर्जुन सिंह से लेकर विद्या चरण शुक्ला श्यामा चरण शुक्ला मोतीलाल वोरा और पिछले विधानसभा चुनाव तक दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ही टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व की बड़ी हुई उम्मीद के बाद पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई है।
उसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व में प्रदेश के बारे में अलग तरह की रणनीति बनाई है जिसमें एक झटके में नया प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष व उपनेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति कर दी और अब लोकसभा चुनाव के लिए सीधे तौर पर प्रत्याशी चयन करने की योजना बनाई है जिसके तहत प्रदेश के दिग्गज नेताओं के बगैर पहली बार प्रदेश के प्रभारी की बैठक दिल्ली में हुई और सभी लोकसभा प्रभारी को कह दिया गया है कि वे 18 से 24 जनवरी के बीच अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्र में जाएं और वहां से व्यापक तौर पर पार्टी की रिपोर्ट तैयार करें जिसमें ताजा राजनीतिक परिस्थितियों के साथ-साथ प्रत्येक सीट से तीन-तीन नाम संभावित उम्मीदवारों के 31 जनवरी तक मांगे गए हैं इन नाम पर ही प्रदेश कांग्रेस पार्टी का मत लिया जाएगा और स्क्रीनिंग कमेटी में विचार विमर्श होगा।

इस बार अपेक्षाकृत युवा चेहरों को और दमदार प्रत्याशियों को मैदान में उतारने का फैसला लिया गया है जिससे कि वे अपने संसाधनों और संबंधों के आधार पर दमदारी से चुनाव लड़ सके। कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की कवायद शुरू हो गई है भाजपा में जहां संगठन और संघ संभावित नाम पर विचार कर रहा है जो कि सीधा राष्ट्रीय नेतृत्व की देखरेख में हो रहा है लगभग उसी तर्ज पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व में भी लोकसभा प्रभारी को 31 जनवरी तक संभावित उम्मीदवारों के नामों होते करने के लिए कहा है।

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