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पाकिस्तान में सेना कटघरे में!

सीजफायर

वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में लोगों का सरकार और सेना पर भरोसा टूटा। उसकी सैन्य कार्रवाईयों के किसी भी दावे पर लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है। तभी जब अमेरिकी न्यूज चैनल ‘सीएनएन’ ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से पूछा कि उनके पास क्या सबूत है कि उनकी सेना ने भारत के लड़ाकू विमान को मार गिराया है तो उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया देखिए।

पाकिस्तान के एक सांसद ने इसे लेकर अपने रक्षा मंत्री का मजाक उड़ाया। इससे पहले दो मौकों पर 2016 और 2019 में भारतीय सेना की कार्रवाई पर भारत में सवाल उठे थे और सबूत मांगे गए थे। इस बार भारत में पूरा देश एकजुट है, जबकि पाकिस्तान में उसकी सेना की कार्रवाई के सबूत मांगे जा रहे हैं।

पाकिस्तान में कैसे लोगों का मनोबल गिरा हुआ है इसकी एक मिसाल पाकिस्तानी संसद में देखने को मिली, जब भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संसद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन के एक सांसद फूट फूटकर रोने लगे। पाकिस्तानी सांसद ताहिर इकबाल ने रोते हुए संसद में कहा, ‘या खुदा आज बचा लो। दुआ करते हैं कि अल्लाह हमारे मुल्क की हिफाजत करे और हमें आपस में जोड़कर रखे’। हालांकि उन्होंने भी धर्म के आधार पर ही देश को बचाने की अपील की और कहा कि अल्लाह ने यह मुल्क अता किया है।

इसके बावजूद लोगों में जोश नहीं लौट रहा है। एक पूर्व पाकिस्तानी सांसद का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि मोदी कोई उनकी खाला का लड़का है, जो उनके कहने पर युद्ध रोका देगा। इसके आगे वे कहते हैं कि युद्ध होगा तो देश छोड़ कर विदेश भाग जाएंगे। जाहिर है पाकिस्तान के लोगों को अपनी सरकार और सेना पर भरोसा नहीं है कि वह उनकी रक्षा कर पाएगी।

सेना पर टूटा भरोसा, देश में रोष

बहरहाल, पाकिस्तान के सांसद के रोने के वीडियो वायरल होने के बाद देखने को मिला कि पाकिस्तान के न्यूज चैनल अपने नेताओं और नागरिकों का भरोसा बढ़ा रहे हैं। वे नेताओं से कह रहे हैं कि वे रो कर अपनी कमजोरी नहीं जाहिर करें। लेकिन पाकिस्तान का रोना पीटना बंद नहीं हो रहा है। इस बीच पाकिस्तान के इकोनॉमिक अफेयर डिवीजन के एक्स हैंडल से दुनिया के देशों से कर्ज मांगने की पोस्ट वायरल हो गई।

पाकिस्तान की आर्थिक हालत का हवाला देकर कर्ज मांगा जा रहा था। पोस्ट वायरल होने के बाद पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि उसका हैंडल हैक हो गया है और पोस्ट फर्जी है। लेकिन पाकिस्तान के ही लोग मान रहे हैं कि यह पोस्ट सही हो सकती है क्योंकि देश कंगाली की हालत में है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पास 15 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा, जबकि उसको एक साल में 30 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है।

बहरहाल, छह और सात मई की दरम्यानी रात को भारत की ओर से किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगाई गई पाबंदी हटा दी है। कोई 15 महीने पहले पाकिस्तान ने एक्स पर पाबंदी लगाई थी। उसका कहना है कि सोशल मीडिया में पाकिस्तान विरोधी नैरेटिव चल रहा है, जिसका उसको जवाब देना है।

उसने पांच सौ अकाउंट बंद भी किए हैं। अब यह पता लगाया जा रहा है कि ये हैंडल संचालित कर रहे लोग पाकिस्तान के ही हैं या बाहर से कहीं से इन्हें संचालित किया जा रहा है। असल में पाकिस्तान का सोशल मीडिया भारत की सैन्य कार्रवाई और बलोच विद्रोही सेना द्वारा पाकिस्तानी फौज पर किए जा  रहे हमले से भरा है।

इतना ही नहीं ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान का शासन अपने लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने में लगा है। पाकिस्तानी लोगों के मन में भारत विरोधी भावना भरी जा रही है। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल ने भारतीय दवाओं पर निर्भरता को देश के लिए खतरा बताया है। उन्होंने दवा कंपनियों से इस निर्भरता को कम करने के लिए कहा है।

मुस्तफा ने भारत को गैर भरोसमंद दुश्मन बताते हुए कहा कि भारतीय दवाओं को कम से कम इस्तेमाल किया जाए। पाकिस्तान की असली चिंता यह है कि उसे इस्लामिक मुल्कों से भी समर्थन नहीं मिल रहा है। उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई तो ईरान के विदेश मंत्री भारत में थे और उसके बाद सऊदी अरब का प्रतिनिधिमंडल भारत आया।

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Pic Credit: ANI

By हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

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