भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद गुजरात का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। जगदीश विश्वकर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले पांच साल तक सीआर पाटिल अध्यक्ष रहे। वे एक साल से ज्यादा समय से तो केंद्रीय मंत्री हैं और दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे थे। बताया जा रहा है कि पार्टी के अंदर अध्यक्ष को लेकर सहमति नहीं बन रही थी इसलिए पाटिल चल रहे थे। नए अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जा रहा है। बहरहाल, गुजरात का चुनाव होने के बाद क्या अब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नया अध्यक्ष नियुक्त करेगी? गौरतलब है कि इन दो बड़े राज्यों की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले करीब ढाई साल से सेवा विस्तार पर काम कर रहे हैं और अब कहा जा रहा है कि अगले साल मकर संक्रांति के बाद यानी 14 जनवरी के बाद नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
उससे पहले उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष को लेकर अटकलें चल रही हैं। मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जाट समाज से हैं और उनका कार्यकाल पूरा हो गया है। सवाल है कि क्या भाजपा वहां भी पिछड़ी जाति का अध्यक्ष बनाएगी? यह सवाल इसलिए है क्योंकि अगड़ी जाति के योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। इसलिए सवर्ण अध्यक्ष नियुक्त करना मुश्किल है। कम से कम ऑप्टिक्स के लिहाज से तो यह ठीक नहीं होगा। अगड़ा अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला तभी होगा, जब मुख्यमंत्री बदलेगा, जिसकी संभावना अभी तुरंत नहीं दिख रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि चार नेताओं के नामों पर चर्चा हुई है। इनमें ब्राह्मण भी हैं और पिछड़े भी हैं। फैसला कब तक होगा यह कोई नहीं बता रहा है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार भी अटका हुआ है। इस बारे में कई बार योगी आदित्यनाथ दिल्ली आकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मिल चुके हैं लेकिन न मंत्रिमंडल में फेरबदल का फैसला हो पा रहा है और न नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो रही है। ध्यान रहे डेढ़ साल के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।


