अगले साल अप्रैल में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले एनडीए को लगातार झटके लग रहे हैं। एनडीए के एक और सहयोगी ने गठबंधन छोड़ने का ऐलान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और अन्ना डीएमके से अलग हुए ओ पनीरसेल्वम के एनडीए छोड़ने के बाद अब एआईएमएम के नेता टीटीवी दिनाकरण ने भी एनडीए छोड़ दिया है। हालांकि अन्ना डीएमके का मुख्य खेमा, जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीसामी कर रहे हैं वह भाजपा के साथ है और प्रदेश में एनडीए का नेतृत्व कर रहा है। लेकिन उसके साथ भी तनाव कम नहीं हो रहा है। बुधवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने तमिलनाडु को लेकर बैठक की तो रहस्यमय तरीके से उसके पूर्व अध्यक्ष के अन्नमलाई बैठक से गैरहाजिर रहे।
बहरहाल, पनीरसेल्वम ने एनडीए छोड़ने के बाद दो बार मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की। वे उनके साथ जाएंगे या विजय की नई पार्टी टीवीके से जुड़ेंगे या अलग गठबंधन बनाएंगे यह तय नहीं है। इस बीच टीटीवी दिनाकरण ने गठबंधन छोड़ दिया। जयलिलता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला के भतीजे दिनाकरण का दावा है कि वे जयललिता की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे थेवर समाज से हैं, जिसके मजबूत वोट आधार से अन्ना डीएमके और जयललिता जीतते रहे हैं। अगर वे पनीरसेल्वम के साथ तालमेल करको नया मोर्चा बनाते हैं तो एनडीए को नुकसान करेंगे। अभी टीवीके और विजय डीएमके को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दिनाकरण और पनीरसेल्वम अन्ना डीएमके व भाजपा गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।