प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार की पहली सालगिरह आने वाली है। चूंकि इस समय पहलगाम हमले की वजह से देश में गुस्से और शोक का माहौल है इसलिए सरकार की सालगिरह की तैयारियों की चर्चा नहीं है। लेकिन सरकार सालगिरह मनाएगी और उससे पहले बड़ी सैन्य कार्रवाई भी हो सकती है, जिससे देश के लोगों को जोश लौटे। इस बीच चर्चा है कि सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर ही सरकार और संगठन में बदलाव होगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अगले महीने तक टल गया है। पहले कहा जा रहा था कि अप्रैल में हर हाल में पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। लेकिन अब कहा जा रहा है कि जून तक नया अध्यक्ष मिलेगा। ध्यान रहे जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2024 में समाप्त हो चुका है। वे करीब डेढ़ साल से सेवा विस्तार या तदर्थ व्यवस्था में चल रहे हैं।
मोदी, नड्डा और भाजपा में दोहरी जिम्मेदारी और अध्यक्ष पद चुनाव की चर्चाएं
दूसरी ओर वे एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के विपरीत करीब एक साल से दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे केंद्रीय मंत्री हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल जून में जब उनको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया तब जल्दी ही नए अध्यक्ष के चुनाव का विचार रहा होगा। अन्यथा उनको मंत्री नहीं बनाया जाता। भाजपा उनको दूसरा कार्यकाल भी दे सकती थी। अगर पिछले साल जनवरी में उनको दूसरा कार्यकाल दिया गया होता तो उसका आधा यानी डेढ़ साल बीत गया होता। बहरहाल, अब चर्चा है कि नड्डा ने पार्टी महासचिवों के साथ बैठक करके उनको राज्यों में जल्दी चुनाव कराने को कहा है ताकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सके। सोचें, बिल्कुल ऐसी ही स्थिति कांग्रेस में थी, जब 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था और अंतरिम व्यवस्था के तहत सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं थीं। वे तीन साल तक तदर्थ व्यवस्था में अध्यक्ष रही थीं और तब भाजपा ने कई बार इस पर सवाल उठाया था। लेकिन अब वह भी तदर्थ व्यवस्था ही चला रही है।
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