लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची की कई पहलुओं से व्याख्या हो रही है। इसमें एक खास पहलू यह है कि पार्टी ने बहुत सोच विचार कर विवादित सांसदों की टिकट काटी है। हालांकि ऐसा नहीं है कि पार्टी उनकी विचारधारा को नहीं मानती है लेकिन 10 साल की एंटी इनकम्बैंसी के बीच पार्टी ऐसे चेहरों को टिकट नहीं देना चाहती है, जिन्होंने मध्य वर्ग को भी नाराज किया हो। जिनसे भाजपा के कोर मतदाताओं के मन में अविश्वास है। तभी हैरानी की बात है कि पार्टी ने कुछ विवादित सांसदों को रिपीट कर दिया है। इसका मतलब है कि यह कोई नीतिगत फैसला नहीं है, बल्कि चुनावी संभावनाओं का आकलन करके टिकट काटी या दी गई। BJP candidate list 2024
मिसाल के तौर पर भाजपा ने विवादित बयान देने वाले दो सांसदों- रमेश विधूड़ी और प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट नहीं दी। ध्यान रहे प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को हीरो और देशभक्त बताने वाला बयान दिया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे उनको दिल से कभी माफ नहीं करेंगे। सो, उनकी टिकट कट गई। इसी तरह रमेश विधूड़ी ने संसद की नई इमारत में पहले सत्र के दौरान ही बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली को लेकर बहुत आपत्तिजनक बातें कही थीं। हालांकि उनको उसके बाद राजस्थान के गूर्जर बहुल इलाकों में काम दिया गया था लेकिन दक्षिण दिल्ली से उनकी टिकट काट दी गई। हो सकता है उनको कहीं और से टिकट दी जाए। ऐसे ही गोंडा के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह की टिकट कट गई, जिनके ऊपर महिला पहलवानों ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की टिकट कट गई, जिन्होंने संसद में भाषण के दौरान विपक्ष की ओर इशारा करके कहा था कि चुपचाप बैठो नहीं तो ईडी पहुंच जाएगी। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि लखीमपुर के सांसद अजय मिश्र टेनी की टिकट नहीं कटी। किसानों के प्रदर्शन के दौरान उनके विवादित भाषण और उनके बेटे द्वारा कथित तौर पर किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा देने का विवाद पूरे देश में चर्चा में रहा था। लेकिन पार्टी ने उनको फिर से उम्मीदवार बना दिया है। जाहिर है उनके विवादों से भाजपा को नुकसान की संभावना नहीं दिख रही है। माना जा रहा है कि उनकी टिकट काटने से अभी आंदोलन कर रहे किसानों का हौसला बढ़ जाता। इस वजह से उनको फिर उम्मीदवार बनाया गया है।
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