भारतीय जनता पार्टी ने सात केंद्रीय मंत्रियों में से पांच को राज्यसभा नहीं भेजा है। धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रुपाला और नारायण राणे का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है और ये पांचों लोग मंत्री बनेंगे। लेकिन इनके अलावा भी कुछ केंद्रीय मंत्रियों को लोकसभा का चुनाव लड़ना है। पीयूष गोयल भी चुनाव लड़ने वाले हैं। देश के शीर्ष पांच मंत्रालयों में शामिल वित्त व विदेश विभाग के मंत्रियों यानी निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है। Karnataka elections Jaishankar Nirmala
ये दोनों दक्षिण भारत से हैं और दक्षिण में कर्नाटक छोड़ कर किसी और राज्य में भाजपा चुनाव जीतने को लेकर बहुत भरोसे में है। हालांकि ये दोनों नेता तमिलनाडु के हैं पर कहा जा रहा है कि इनको कर्नाटक से चुनाव लड़ाया जा सकता है। फिलहाल निर्मला सीतारमण कर्नाटक से ही राज्यसभा सांसद हैं, जबकि एस जयशंकर गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं।
बहरहाल, केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के नेता प्रहलाद जोशी ने बताया है कि निर्मला सीतारमण और जयशंकर उनके राज्य से चुनाव लड़ सकते हैं। इनमें से एक नेता के तटीय कर्नाटक से और दूसरे के राजधानी बेंगलुरू की तीन सीटों में से किसी एक सीट पर लड़ने की संभावना है। अगर भाजपा ने बेंगलुरू ग्रामीण से इनमें से किसी को उतारा तो मुकाबला बहुत हाई प्रोफाइल हो जाएगा क्योंकि उस सीट से उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश सांसद हैं। वह एकमात्र सीट है, जो पिछली बार कांग्रेस जीती थी।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि तमिलनाडु के नेताओं को कर्नाटक में चुनाव लड़ा कर भाजपा बड़ा जोखिम लेगी। दोनों राज्यों के बीच पानी का विवाद काफी समय से चल रहा है, जबकि राज्य की कांग्रेस सरकार ने कन्नड़ अस्मिता का बड़ा मुद्दा बनाया है। उसने कन्नड़ में साइन बोर्ड बनाने का कानून बनाया है तो निजी कंपनियों से पूछा है कि उन्होंने कितने कन्नड़भाषी लोगों को नौकरी दी है। हालांकि कांग्रेस ने भी अजय माकन को राज्यसभा का उम्मीदवार बना कर कन्नड़ अस्मिता के दांव को कमजोर किया है। फिर भी अगर निर्मला सीतारमण और जयशंकर कर्नाटक में लड़े तो चुनाव बहुत दिलचस्प हो जाएगा।