सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाने के बाद भाजपा अगली रणनीति के तहत अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों को लोकसभा का चुनाव लड़ाएगी। भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने जमीनी फीडबैक के आधार पर इसकी योजना बनाई है। वैसे कई पूर्व मुख्यमंत्री पहले से लोकसभा के सांसद हैं लेकिन जो नहीं हैं उनको चुनाव लड़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाने के पीछे तर्क यह है कि उसके एक लोकसभा क्षेत्र में छह या सात विधानसभा सीटें आती हैं और उसके एक सीट से लड़ने का असर सभी विधानसभा सीटों पर पड़ता है। उसी तरह पूर्व मुख्यमंत्रियों के लोकसभा का चुनाव लड़ने से राज्य की सभी सीटों पर असर होगा।
पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक जयराम ठाकुर को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि वे मंडी लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं। यह सीट बहुत प्रतिष्ठा की है और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह वहां सांसद हैं। कांग्रेस के सबसे बड़े नेता रहे वीरभद्र सिंह इस सीट से जीतते रहे हैं। भाजपा इस बार इस सीट को हासिल करने की योजना के तहत जयराम ठाकुर को लड़ा सकती है। वैसे पहले फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के भी इस सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा हो चुकी है।
बहरहाल, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अभी तक विधायक दल का नेता नहीं चुना गया है। अगले कुछ दिन में उनके बारे में फैसला होना है। उनको लोकसभा का चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा पहले से लोकसभा सांसद हैं। बीएस येदियुरप्पा की उम्र बहुत ज्यादा हो गई है इसलिए उनको चुनाव नहीं लड़ना है। उनके बेटे बीवाई राघवेंद्र लोकसभा सांसद हैं। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल सांसद हैं। कुछ दिन पहले राज्यसभा भेजे गए त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है।
झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा लोकसभा सांसद हैं और रघुबर दास को ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया है। बचे बाबूलाल मरांडी तो वे प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। अगर राज्य में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ नहीं होते हैं तो उनको भी लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। बताया जा रहा है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी इस बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। मध्य प्रदेश के निवर्तमान और छत्तीसगढ़ व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अगर चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाते हैं तो उनको भी लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाएगा।