Thursday

19-06-2025 Vol 19

समाजवादी पार्टी माइक्रो मैनेजमेंट में जुटी

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अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी इस बार वो गलतियां नहीं करेगी, जो पिछले चुनावों में उससे हुई हैं। पिछले कुछ उपचुनावों में पार्टी लगातार हारी। आजमगढ़ जैसी लोकसभा सीट पर जो अखिलेश के इस्तीफा देने से खाली हुई थी वहां भी पार्टी हार गई। धर्मेंद्र यादव को वहां से चुनाव लड़ाया गया था लेकिन वे जीत नहीं सके। इसी तरह आजम खान के इस्तीफे से खाली रामपुर लोकसभा सीट भी पार्टी हार गई और बाद में रामपुर सदर की विधानसभा सीट भी सपा नहीं जीत सकी। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। तब अखिलेश यादव ने मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने के आरोप लगाए थे।

कई बार सपा के नेताओंने यह कहा कि कुछ खास इलाकों में मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए। जहां सपा का मजबूत आधार था वहां नाम काटे जाने की शिकायत मिली। लेकिन पार्टी ने यह आरोप मतदान दिन लगाया या उसके बाद। यानी पहले से पार्टी के नेताओं ने मतदाता सूची नहीं देखी थी। इस बार अखिलेश यादव ने अपने सभी नेताओं को बूथ स्तर पर बिल्कुल बारीकी से चुनाव प्रबंधन की सलाह दी है। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे पहले से सभी बूथों पर मतदाता सूची चेक करें और देखें कि कहीं ज्यादा संख्या में नाम तो नहीं कटे हैं। नए जुड़े नामों की भी जांच करने को कहा गया है। अखिलेश न खुद ही संकेत भी दिया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में 65 सीटों पर लड़ सकती है। हालांकि इसमें बदलाव संभव है पर यह तय है कि इस बार सपा माइक्रो मैनेजमेंट कर रही है।

NI Political Desk

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