nayaindia Elon Musk on India इलॉन मस्क के आने का अर्थ

इलॉन मस्क के आने का अर्थ

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कोई खास लगाव नहीं रहा है। हाल में भी सबने देखा कि कैसे अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका ने इस मामले में दखल दिया और कहा कि केजरीवाल के मामले में स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस के खाते जब्त किए जाने के मामले में भी अमेरिका ने कहा कि उसकी नजर इस मामले पर है और भारत में सभी पार्टियों को समान अवसर मिलना चाहिए।

लेकिन लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पता नहीं कैसे अमेरिका का भाव बदल गया है। अचानक मोदी और भारत के बारे में अच्छी अच्छी बातें कही जाने लगी हैं। इतना ही नहीं चुनाव के अधबीच दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक इलॉन मस्क भारत आ रहे हैं और नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। कहा जा रहा है कि वे रिलायंस समूह के साथ मिल कर इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने का कारखाना भारत में लगाने की घोषणा कर सकते हैं।

सोचें, दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी और सबसे चर्चित शख्सियत में से एक हैं मस्क, चुनाव के बीच वे आकर मोदी से मिलते हैं और बड़े निवेश की घोषणा करते हैं तो यह अपने आप में देश के एक बड़े तबके को उत्साहित करेगा और मोदी के विकास के नैरेटिव को इससे बल मिलेगा। चूंकि अमेरिका की राजनीति में मस्क रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं तो ऐसा लगा कि हो सकता है कि दक्षिणपंथी लॉबी मोदी की मदद करना चाहती हो।

लेकिन इसी बीच भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी का एक बयान आया। उन्होंने मोदी की ऐसी तारीफ की है, जिसकी मिसाल नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई दुनिया के भविष्य को आकार लेते देखना चाहता है तो उसको भारत आना चाहिए। यहां कई मायनों में विश्व का भविष्य गढ़ा जा रहा है।

इसी तरह से जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ सांसद ब्रैड शरमन ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि वे अपने कामकाज की वजह से पूरी दुनिया में भारत का चेहरा बन गए हैं। शरमन ने 2014 के बाद से भारत में हुए विकास की जम कर तारीफ की है। इस बीच एक और घटनाक्रम यह हुआ कि दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक मानी जाने वाली पत्रिका ‘द न्यूज वीक’ के कवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो छपी।

58 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के बारे में इस पत्रिका ने कवर स्टोरी की है और कवर पर फोटो छापी है। इससे पहले 1966 में जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बनी थीं तब उनकी फोटो ‘द न्यूज वीक’ के कवर पर छपी थी। प्रधानमंत्री मोदी की फोटो के साथ जो कवर स्टोरी है उसका शीर्षक है, ‘मोदी एंड अनस्टॉपेबल राइज ऑफ इंडिया’। सवाल है कि लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह का घटनाक्रम अचानक क्यों होने लगा है? क्या राष्ट्रपति बाइडेन को भी लग रहा है कि अमेरिका में होने वाले चुनावे के साल में भारतीय और हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए भारत के बारे में सकारात्मक बातें करना और मोदी की तारीफ करना जरूरी है।

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