Tuesday

29-07-2025 Vol 19

पाक से खेलें या नहीं?

16 Views

किस टूर्नामेंट में पाकिस्तान से भारत खेले या ना खेले, यह मनमाने ढंग से तय होता रहा है। कभी किसी क्रिकेटर का पाकिस्तानी खिलाड़ी से हाथ मिलाना मुद्दा बन जाता है, तो कभी पूरा मैच खेलने की बेतुकी दलील ढूंढ ली जाती है।

एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के कार्यक्रम के एलान से भारतीय जनमत के एक बड़े हिस्से में पैदा हुए गुस्से को समझा जा सकता है। ये प्रतिक्रिया संकेत है कि भारतीय शासक समूहों के अपनी सुविधा से ‘पाकिस्तान कार्ड’ खेलने के रवैये से लोग अब आज़ीज आ चुके हैं। वे उनकी इन ‘सुविधाओं’ को समझने भी लगे हैं। यह मान्यता वर्तमान शासक दल और उससे जुड़े समूहों ने ही फैलाई कि ‘गोली और बोली’ साथ-साथ नहीं चल सकती। यानी यह संभव नहीं है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करता रहे, उससे बातचीत भी चलती रहे। इसी क्रम में कहा गया कि दहशतगर्दी के आका देश के साथ खेलना जारी नहीं रखा जा सकता।

अब तो बात यहां तक पहुंच गई है कि ‘खून और (सिंधु समझौते के तहत) पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।’ चूंकि ऐसी बातों पर देश में राजनीतिक आम सहमति है और मीडिया इनके पक्ष में जोर-शोर से प्रचार करता है, तो स्वाभाविक है कि आम लोग इसे व्यवहार का उचित पैमाना समझते हैं। इसलिए जब खबर आई कि रिटायर्ड क्रिकेटरों के टूर्नामेंट में भारत पाकिस्तान से नहीं खेलेगा, तो उसे जोरदार समर्थन मिला। मगर उसके कुछ ही दिन बाद एलान हुआ कि एशिया कप टूर्नामेंट यूएई में होगा। उसमें 14 सितंबर को भारत- पाकिस्तान का मैच होगा।

आखिर आम जन इसे कैसे गले उतार सकते हैं? तो ये सहज प्रतिक्रिया आई है कि सब धंधे की बात है। जहां पैसे के बड़े दांव लगे हों, वहां देशभक्ति पृष्ठभूमि में डाल दी जाती है। दरअसल, ऐसा दशकों से चल रहा है। किस खेल में या किस टूर्नामेंट में पाकिस्तान से भारत खेले या ना खेले, यह मनमाने ढंग से तय किया जाता रहा है। कभी किसी क्रिकेटर का पाकिस्तानी खिलाड़ी से हाथ मिलाना मुद्दा बन जाता है, तो कभी पूरा मैच खेलने की बेतुकी दलील ढूंढ ली जाती है। मगर अब पानी सिर के ऊपर से गुजर रहा है। इस बारे में कोई सुसंगत नीति तय नहीं हुई, तो बीसीसीआई या अन्य खेल संस्थानों के साथ-साथ भारत सरकार की नीयत पर भी लोग सवाल उठाने लगेंगे।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *