बताया जा रहा है कि अगले ढाई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 बार बिहार का दौरा करेंगे। जानकार सूत्रों का कहना है कि बिहार के हर डिवीजन यानी प्रमंडल में प्रधानमंत्री की एक सभा होगी। गौरतलब है कि बिहार में नौ डिवीजन हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग 15 सितंबर के बाद किसी भी समय चुनाव की घोषणा करेगा। उससे पहले एक जुलाई से 15 सितंबर के बीच यानी ढाई महीने में प्रधानमंत्री मोदी कम से कम नौ बार या 10 बार बिहार जाएंगे। हर बार वे हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे और उनकी जनसभा होगी। पिछली यात्रा में उन्होंने सीवान में कई हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उससे पहले बिहार दौरे में उन्होंने पटना हवाईअड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया और बिक्रमगंज में जनसभा की।
बताया जा रहा है कि अगस्त में किसी दौरे में पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन होगा। भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने बिहार चुनाव को प्रधानमंत्री के चेहरे पर लड़ने का फैसला किया है। इससे अति पिछड़ा और सवर्ण वोट दोनों सुनिश्चित होंगे। गौरतलब है कि भाजपा ने साफ कर दिया है कि इस बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव होगा लेकिन उनको मुख्यमंत्री घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा। यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के आगे के सभी दौरों के लिए केंद्रीय मंत्री और जनता दल यू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। वैसे भी मधुबनी, बिक्रमगंज और सीवान इन तीनों सभाओं में भी भीड जुटाने का काम जदयू के नेता ही कर रहे थे। आगे भी यह काम जदयू नेताओं को जिम्मे होगा। इस तरह भाजपा जनता दल यू के साथ तालमेल बनाए रखेगी लेकिन नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं घोषित करेगी।


