भारत कितनी तेजी से दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के बीच प्रथम होने की अपनी जगह खोता जा रहा है इसकी एक मिसाल यह है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार संभाल रहे मोहम्मद यूनुस भी अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन जा रहे हैं। मोहम्मद यूनुस 26 मार्च को चीन जाएंगे और 29 मार्च तक वहां रहेंगे। कहा जा रहा है कि इस दौरान कुछ बड़ी घोषणाएं और बड़े समझौते हो सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी बीआरआई को लेकर भी चीन और बांग्लादेश कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। इस यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस की चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग से दोपक्षीय वार्ता होगी और वे बोआवो फोरम फॉर एशिया, जिसे एशियाई दावोस कहा जाता है, उसमें भी शामिल होंगे।
इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना की भारत समर्थक सरकार थी और माना जाता था कि भारत और बांग्लादेश नाभी नाल से आपस में जुड़े हुए हैं। लेकिन अब यूनुस ने पहली विदेश यात्रा के लिए चीन को चुन कर अपना इरादा साफ कर दिया है। यह पहला मौका नहीं है, जब भारत के मित्र या सहयोगी रहे देश ने भारत को छोड़ कर चीन को चुना। पिछले ही दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन गए। इससे पहले नेपाल के हर प्रधानमंत्री की पहली यात्रा भारत की होती थी। मालदीव के साथ भी ऐसा ही था, लेकिन वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू भी चुनाव जीतने के बाद पहली विदेश यात्रा पर चीन गए और उसके बाद भारत आए।